हाजीपुर लोकसभा चुनाव के मतदान की प्रक्रिया संपन्न होने के साथ ही जीत-हार और प्रत्याशियों को मिलने वाले वोटों को लेकर अटकलों का दौड़ शुरू हो गया है. राजनीतिक ठौर-ठिकानों के अलावा मुहल्ले और गांव में भी हर जगह लोग केवल वोटों की आंकड़ेबाजी करने में मशगूल हैं. नगर के लोग गांव-देहात से आने वाले लोगों से उनके गांव में पड़ने वाले वोटों और किस प्रत्याशी को कितने मत मिल सकते हैं इसका आंकड़ा जुटा रहे हैं. समर्थकों को अपने-अपने प्रत्याशियों को मिलने वाले वोट की हार-जीत तक की शर्त लगा रहे हैं. गांव की गलियां और दुकानों में जीत-हार की चर्चाएं शुरू हैं. एक ओर जहां कानून-व्यवस्था और राष्ट्रवाद का मुद्दा हावी है, वहीं दूसरी ओर बेरोजगारी और महंगाई समेत जनसमस्याओं के मुद्दे पर भी वोटिंग परसेंटेज को लेकर बहस हो रही है. इसके अलावा स्थानीय और बाहरी के साथ जातीय समीकरण पर भी जोर-शोर से बहस जारी है. समर्थक अपने गणित से अपने चहेते प्रत्याशी को जीत दिला रहे हैं. लोकसभा क्षेत्र के 14 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, सभी की किस्मत इवीएम में बंद हो चुकी है. यहां मुख्य रूप से एनडीए के चिराग पासवान और इंडिया गठबंधन के शिवचंद्र राम के बीच कांटे की लड़ाई मानी जा रही है.
चुनाव संपन्न होने के बाद दोनों प्रमुख दलों के कार्यकर्ता आत्मविश्वास से लबरेज हैं. दोनों दलों के कार्यकर्ता हर विधानसभा क्षेत्र में बढ़त लेने का दावा कर रहे हैं. वोट विभाजन की बात नहीं चल रही है बल्कि बात का आकलन किया जा रहा है. कौन वर्ग उनके पक्ष में और कौन वर्ग विपक्षी के पक्ष में गया इसका आकलन कर प्रत्याशी को जीत-हार के आंकड़े से अपडेट करने में जुटे हैं.
सबको है चार जून का इंतजार, कौन करता है 400 पार. अपनी थकान मिटाने के बाद प्रत्याशी खुद भी पार्टी कार्यकर्ता के साथ बैठ कर बूथवार मिले वोटों के आकलन करते नजर आये. इस आकलन के बाद किसी के चेहरे पर चमक दिख रही है, तो किसी के चेहरे पर मायूसी. वैसे इसका फैसला अब चार जून को ही हो पायेगा कि हाजीपुर की जनता किसके सिर ताज देगी.
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