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Hajipur News:हाजीपुर सदर अस्पताल में सुविधाएं बढ़ीं, मरीजों को राहत

हाजीपुर सदर अस्पताल में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ इसे पांच सौ बेडों का अस्पताल बनाने की योजना पर चरणबद्ध तरीके से काम चल रहा है. अस्पताल में पहले के मुकाबले चिकित्सा सुविधाएं बढ़ी हैं. इससे इलाज में सहूलियत भी हुई है, लेकिन ओपीडी में मरीजों की परेशानी दूर नहीं हो पा रही है.

हाजीपुर. सदर अस्पताल में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ इसे पांच सौ बेडों का अस्पताल बनाने की योजना पर चरणबद्ध तरीके से काम चल रहा है. अस्पताल में पहले के मुकाबले चिकित्सा सुविधाएं बढ़ी हैं. इससे इलाज में सहूलियत भी हुई है, लेकिन ओपीडी में मरीजों की परेशानी दूर नहीं हो पा रही है. क्योंकि, चिकित्सक पूरा समय नहीं दे रहे हैं. इलाज में मरीजों की सुविधा के लिए दो पालियों में ओपीडी का संचालन शुरू किया गया. ओपीडी में डॉक्टरों की मौजूदगी देखें, तो सुबह से दोपहर तक वाले शिफ्ट में स्थिति ठीक है, लेकिन शाम के शिफ्ट में समय देने के मामले में चिकित्सक की लापरवाही देखने को मिल रही है. हालांकि पांच सौ बेडों के अस्पताल के लिहाज से यहां करीब 85 चिकित्सकों के पद स्वीकृत किये गये हैं. अस्पताल में अभी विशेषज्ञों समेत करीब 55 डॉक्टर हैं, जो फिलहाल पर्याप्त बताये जाते हैं. अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड, एसएनसीयू, प्रसव वार्ड तथा अन्य वार्डों में बेडों तक पाइपलाइन के जरिये ऑक्सीजन की व्यवस्था है. अस्पताल परिसर में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील है, जिससे अस्पताल की जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन का उत्पादन होता है. अस्पताल में मरीजों के रजिस्ट्रेशन काउंटर की बगल में बने हेल्प डेस्क के माध्यम से मरीजों की सहायता की जा रही है. जीविका के जरिये संचालित हेल्प डेस्क से मरीजों को आवश्यक जानकारी दी जाती है, जिससे उनकी परेशानी कम होती है. पहले के मुकाबले दवाओं की संख्या बढ़ने से मरीजों को राहत मिली है. गरीब मरीजों के लिए यह राहत की बात है कि अब उन्हें जांच और दवा के लिए अपनी जेब कम ढीली करनी होगी. हालांकि अस्पताल में दवाओं और जांच की व्यवस्था अब भी मुकम्मल नहीं हुई है. सदर अस्पताल में अभी इंडोर और आउटडोर को मिलाकर कुल 456 तरह की दवाओं की जगह 339 दवाएं उपलब्ध हैं, जबकि पहले 242 तरह की दवाएं थीं.

पैथोलॉजिकल जांच की सुविधा बढ़ी

सदर अस्पताल में रोगियों की जांच से संबंधित सुविधाओं का विस्तार होने से मरीजों को सहूलियत हुई है. अस्पताल के जांचघर में पैथोलॉजिकल जांच की संख्या बढ़कर दोगुनी से अधिक हो गयी है. पिछले साल तक जहां 20-21 तरह की जांच हो रही थी, वहीं फिलहाल करीब 50 तरह की पैथोलॉजिकल जांच हो रही है. अस्पताल प्रबंधक तनवीर कौसर ने बताया कि आने वाले दिनों में पैथोलॉजिकल जांच की संख्या और बढ़ेगी तथा तमाम तरह की पैथोलॉजिकल जांच की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. अस्पताल में कई जरूरी जांच अभी नहीं होने से परेशानी होती है. इलाज के लिए यहां आने वाले मरीजों को डॉक्टर जो जांच लिखते हैं, उनमें कई तरह की जांच के लिए उन्हें निजी जांच सेंटर की शरण लेनी पड़ती है.

अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं होने से परेशानी

सदर अस्पताल में इसीजी, एक्स-रे से लेकर डायलिसिस और सीटी स्कैन तक की सुविधाएं है, लेकिन अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से परेशानी हो रही है. पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से यहां अल्ट्रासाउंड बंद है.मरीजों को निजी सेंटरों में नाजायज कीमत चुकानी पड़ रही है. खासकर गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को कराना मुश्किल हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीज यहां बिचौलियों के चक्कर में फंस कर प्राइवेट जांच सेंटरों में नाजायज रकम चुकाने को विवश होते हैं. सदर अस्पताल में पदस्थापित अल्ट्रासोनोग्राफी के चिकित्सक का बीते वर्ष के अप्रैल महीने में तबादला हो गया. उनकी जगह पर नये चिकित्सक के नहीं आने से अल्ट्रासाउंड बंद हो गया. कामचलाऊ व्यवस्था के तहत सिर्फ गर्भवतियों के लिए सुविधा उपलब्ध करायी जाती है.

क्या कहते हैं अधिकारी

सदर अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. अस्पताल में चिकित्सा सुविधा के साथ ही दवाओं की संख्या और पैथोलॉजिकल जांच की संख्या बढ़ने से मरीजों को काफी सहूलियत हुई है. अस्पताल में दवाओ की कोई समस्या नहीं है. सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं. दवा की कमी नहीं होने दी जायेगी और जांच की सुविधा भी बढ़ायी जायेगी. ओपीडी में सभी डॉक्टरों को निर्देश है कि वे निर्धारित समय तक अपने कक्ष में मौजूद रहें.

डॉ हरि प्रसाद, अधीक्षक

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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