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जानलेवा साबित हो रही अगलगी की घटनाएं, आग पर काबू पाने में हांफ रहा सिस्टम

गंगा और गंडक के किनारे बसे वैशाली जिले में हर वर्ष आग और पानी कहर बरपाती है. सैकड़ों लोग बेघर हो जाते हैं, किसानों की मेहनत की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है. गर्मी के मौसम में आग और बरसात के मौसम में बाढ़ व जलजमाव यहां के लोगों पर कहर बनकर टूटती है.

हाजीपुर : गंगा और गंडक के किनारे बसे वैशाली जिले में हर वर्ष आग और पानी कहर बरपाती है. सैकड़ों लोग बेघर हो जाते हैं, किसानों की मेहनत की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है. गर्मी के मौसम में आग और बरसात के मौसम में बाढ़ व जलजमाव यहां के लोगों पर कहर बनकर टूटती है. आग की भयावहता से वैशाली जिले के लोग पूरी तरफ वाकिफ हैं. यहां हर साल आग तबाही मचाती है और करोड़ों रुपये की संपत्ति जलकर राख हो जाती है. कभी लोगों के घर और उनमें रखे सामान आग की भेंट चढ़ जाते हैं तो कभी गाढ़ी मेहनत से खेतों में लगाई गई लहलहाती फसल. कई बार तो जान-माल का नुकसान भी होता है. अगलगी जैसी घटना में पीड़ित परिवार को तत्काल राहत मुहैया कराने में भी प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. वहीं अगलगी की घटनाओं की रोकथाम व अगलगी की स्थिति में उस पर तुरंत काबू पाने में फायर ब्रिगेड सिस्टम भी हांफ रहा है.

राघोपुर में चार व जंदाहा में एक व्यक्ति की चली गयी जान

अगलगी की घटनाएं इस बार जानलेवा साबित हो रही है. अगलगी की घटनाओं ने इस बार राघोपुर के दियारा इलाके में काफी कहर ढाया है. राघोपुर में अप्रैल महीने में हुई अगलगी की घटनाओं में दो सौ घर जल कर राख हो चुके है. वहीं चार लोगों की मौत हो चुकी है. बीते 2 अप्रैल को रुस्तमपुर थाना के रुस्तमपुर वार्ड नंबर पांच में हुई अगलगी की घटना में पांच घर जल गये थे. इस घटना में दस वर्षीय बच्ची की झुलस कर मौत हो गयी थी तथा एक वृद्ध दंपति झुलस गये थे. अगलगी में झुलसे वृद्ध देवेंद्र राय की पंद्रह दिन बाद इलाज के दौरान पटना में मौत हो गयी थी. वहीं 6 अप्रैल को राघोपुर के चांदपुरा में अगलगी की घटना में 22 वर्षीय सौरभ कुमार की झुलस कर मौत हो गयी थी. वहीं इस घटना में वृद्ध विलास पासवान झुलस गया था. बीते 25 अप्रैल को दुलौर गांव में हुई अगलगी की घटना में जहां करीब एक हजार घर जल गये थे. वहीं 70 वर्षीय जागेश्वर पासवान की झुलस कर मौत हो गयी थी.

छोटी-बड़ी 25 दमकल, फिर आग बुझाने में हो रही परेशानी

जिले के हाजीपु, महुआ तथा महनार अनुमंडल में फायर ब्रिगेड की छोटी-बड़ी कुल 25 गाड़ियां उपलब्ध है. सभी जगहों पर 4 पदाधिकारी के साथ कुल 112 फायरकर्मी को तैनात किया गया है. आग से बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. इसके बावजूद अगलगी की घटना के वक्त फायर ब्रिगेड आग बुझाने में हांफने लग रहा है. कभी समय पर फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच पाती, तो कहीं फायर ब्रिगेड को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

तीन शिफ्ट में है तैनाती

सहायक जिला अग्निशमन पदाधिकारी सत्येंद्र प्रसाद के अनुसार जिला मुख्यालय के औद्योगिक तथा शहरी क्षेत्र को देखते हुए कार्यालय में कुल सात वाटर टेंडर वाहन और सात एमटी वाहन की तैनाती की गयी है. वहीं महुआ अनुमंडल मुख्यालय में तीन वाटर टेंडर और पांच एमटी वाहन की तैनाती की गयी है. महनार अनुमंडल मुख्यालय क्षेत्र में दो वाटर टेंडर तथा एक एमटी वाहन तैनात किये गये हैं. सभी वाहनों पर तीन शिफ्ट में चौबीस घंटे कर्मी तैनात रहते है. वहीं जिला मुख्यालय के साथ-साथ अनुमंडल मुख्यालय में भी 24 घंटे कॉल सेंटर कार्य कर रही है.

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