इस बार प्रचंड गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ती दिख रही है. गर्मी की मार बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बेहाल हो रहे हैं. शहर में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है. उमस वाली गर्मी ऐसी कि घर में एसी-कूलर की हवा भी लोगों को राहत नहीं दे पा रही है. वहीं, बाहर लू ने हाल बेहाल कर रखा है. कई इलाकों में बिजली की कटौती व लो वोल्टेज के कारण लोग काफी परेशान रहे. कामकाजी लोगों को दिन के वक्त काफी परेशानी झेलनी पड़ी. दिन के समय गर्म हवाएं भी चल रही थीं. गर्मी की वजह से दोपहर में सड़क पर भीड़ भी कम नजर आ रही है. जो लोग बाहर निकल भी रहे थे, वे अपना शरीर गमछे से या छाते से ढके हुए नजर आये, इसके अलावा, जूस, शिकंजी, पना, कोल्ड ड्रिंक की दुकानों में भी लोग प्यास बुझाते दिखाई दिये. वहीं, रात के समय उमस वाली गर्मी ने लोगों को काफी परेशान किया. गर्मी का सितम यह है कि एसी और कूलर चल तो रहे थे, लेकिन उनका ज्यादा असर नहीं हो रहा है. वहीं बढ़ती गर्मी से सरकारी व निजी अस्पतालों में हीट स्ट्रोक, स्किन एलर्जी, ड्राइ आइ, डायरिया, उल्टी-दस्त, डिहाइड्रेशन और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. छोटे बच्चों पर गर्मी का प्रभाव ज्यादा पड़ रहा है. तेज बुखार और दस्त से व बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं. बाहरी वातावरण में तापमान जब शरीर के तापमान से अधिक हो जाता है तो बच्चों में असर दिखने लगता है. इस भीषण गर्मी से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि भीषण गर्मी में खाली पेट रहना सबसे बड़ा खतरा है. इससे लू लगने की आशंका बढ़ जाती है. डाॅक्टर्स की मानें तो इन बीमारियों से बचने के लिए इन दिनों भरपूर मात्रा में पानी पीने के साथ-साथ इन दिनों नारियल पानी लेना काफी बेहतर है. इसमें कई सारे पोषक तत्व होते हैं जिससे इलेक्ट्रोलाइट्स, जैसे सोडियम, पोटेशियम आदि मिल जाता है. गर्मी में लगातार पसीना निकलने से शरीर में नमक की कमी हो जाती है. गर्मी के कारण अगर उल्टी या दस्त की समस्या हो रही है तो ओआरएस का घोल या घर में ही शिकंजी बना सकते हैं. अगर ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं है, तो इसमें थोड़ा नमक डाल सकते लें. घर में ही ताजे फलों का जूस ज्यादा बेहतर है. दही और लस्सी का सेवन भी बीमारियों से बचा सकता है. ऐसा करने से डिहाइड्रेशन से तो बचेंगे ही, पेट को भी ठंडक मिलेगी. डॉक्टर्स के अनुसार गर्मी के मौसम में दूषित भोजन और पानी के कारण इन दिनों पीलिया की समस्या भी देखने को मिल रही है. इसमें बुखार, उल्टी, थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कभी-कभी लोग पेट में दर्द की भी शिकायत करते हैं. इसके अलावा डायरिया की भी आशंका इन दिनों में बढ़ जाती है. इसमें दस्त, उल्टी, कमजोरी होती है. साथ ही टाइफाइड का जोखिम भी इन दिनों काफी रहता है. इसमें बुखार थोड़ा लंबा खिंचता है. मरीज पांच से सात दिन तक बुखार से ग्रस्त हो सकता है.
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