हाजीपुर. कृषि विज्ञान केंद्र हरिहरपुर वैशाली की ओर नीरपुर गांव में जलवायु अनुकूल कृषि परियोजना के अंतर्गत फसल विविधता विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रेम प्रकाश गौतम वैज्ञानिक पौधा संरक्षण, इं कुमारी नम्रता कृषि अभियंत्रण ने किया. कार्यक्रम के दौरान फसल विविधता पर किसानों को विस्तार से जानकारी दी गयी. वैज्ञानिक पौधा संरक्षण डॉ प्रेम प्रकाश गौतम ने किसानों को आने वाले गरमा के मौसम में एक से ज्यादा फसल लगाने की सलाह दी. उन्होंने फसल के चुनाव एवं इसके महत्व के बारे में किसानों को अवगत कराया जैसे कि दलहन में मूंग, उरद, तेलहन मे सूर्यमुखी, तिल, मोटे अनाज में रागी, व्यावसायिक फसल में गरमा मक्का की फसल लगाने की जानकारी दी गयी, जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, फल में लगने वाले कीट एवं व्याधि में नियंत्रण, खाद्य सुरक्षा में सुधार होता है और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. इं कुमारी नम्रता वैज्ञानिक कृषि अभियंत्रण ने कृषि यंत्रीकीकरण के महत्व के बारे किसानों को जागरूक किया. उन्होंने गरमा फसल की बुआई जीरो टिलेज मशीन से लगाने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि मूंग, उड़द को जीरो टिलेज मशीन एवं मल्टी क्रॉप प्लांटर एवं मक्का को रेज्ड बेड प्लांटर से बुआई करें. मशीन से लगाने से खाद एवं बीज एक साथ डाला जाता है, इससे समय, श्रम एवं लागत में कमी होती है. प्रशिक्षण के बाद वैज्ञानिकों ने रबी फसल का प्रक्षेत्र भ्रमण किया और किसानों को फसल के समुचित प्रबंधन के बारे में जानकारी दी. इस कार्यक्रम के संचालन में तकनीकी सहायक रामचंद्र झा ने अपनी भूमिका निभाई एवं नीरपुर गांव के किसानों ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया.
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