एक वर्ष पूर्व नींव डालने के बाद भूल गये विद्यालय का भवन निर्माण कराना

वैशाली प्रखंड के परियोजना बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, वैशाली के भवन का निर्माण कार्य नहीं होने से छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है. करीब दो वर्षों से इस विद्यालय का संचालन बगल के एसएमटी उच्च माध्यमिक विद्यालय के दो कमरे में हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 6, 2024 11:01 PM
an image

वैशाली. वैशाली प्रखंड के परियोजना बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, वैशाली के भवन का निर्माण कार्य नहीं होने से छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है. करीब दो वर्षों से इस विद्यालय का संचालन बगल के एसएमटी उच्च माध्यमिक विद्यालय के दो कमरे में हो रहा है. जानकारी के अनुसार करीब दो वर्ष पूर्व जर्जर हो चुके प्रखंड के इकलौते परियोजना बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के भवन के निर्माण कार्य के लिए विभाग ने करीब 1.34 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला था. निर्माण कार्य के लिए श्रृष्टि डेवलपर को टेंडर मिला था. भवन निर्माण के लिए परियोजना बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय वैशाली के जर्जर भवन को विद्यालय प्रबंध समिति के निर्णयानुसार विधि सम्मत डिस्मेंटलिंग कराते हुए खाली भूमि संवेदक को उपलब्ध कराया गया. इतना ही नही संवेदक ने फरवरी 2023 में भूमि पूजन करने के बाद भवन निर्माण कार्य प्रारंभ किया. नींव में ईंट डाली गयी, लेकिन जून 2023 के बाद से उसके आगे काम नहीं बढ़ सका. बताया जाता है कि संवेदक ने भवन निर्माण के लिए पांच से छह फीट गहरा गड्ढा भी खोद रखा है. इसकी वजह से पास के घनी बस्ती के लोग हर वक्त हादसे को लेकर आशंकित रहते हैं. ग्रामीणों के अनुसार यहां आसपास के छोटे-छोटे बच्चे खेलते रहते हैं. ऐसे में बच्चों के गड्ढे में गिर कर जख्मी होने की आशंका बनी रहती है. ग्रामीण व एचएम की शिकायत का भी नहीं हुआ असर विद्यालय का भवन निर्माण कार्य नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक से की. ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रधानाध्यापक ने भी कई बार संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा. कई कई बार संवेदक से फोन पर निर्माण कार्य जल्द चालू कराने की बात कही गयी, लेकिन अभी तक भवन निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है. वर्ष 2023 में 2 में अपग्रेड हुआ था स्कूल इस विद्यालय को अपग्रेड कर 2023 मे इंटर स्तरीय कर दिया गया है. इंटर की पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है. विद्यालय को सुचारू ढंग से चलाने के लिए कम से कम छह कमरा होना चाहिए. विद्यालय में वर्ग 9वीं व 10 वीं की पढ़ाई के लिए कम से कम दो कमरे एवं 11वी एवं 12 वीं की कला एवं विज्ञान की पढ़ाई के लिए कम से कम चार कमरे चाहिए. इस स्कूल में 13 शिक्षक है. लेकिन भवन के अभाव में किसती तरह दो कमरे में इस विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. क्या कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक स्कूल के भवन निर्माण के लिए पूर्व में तत्कालीन कार्यपालक अभियंता बीएसईआईडीसी, तिरहुत पूर्वी एवं संवेदक को दर्जनों बार फोन किया जा चुका है. इसकी लिखित जानकारी जिले के शिक्षा विभाग के वरीये पदाधिकारी को देते हुए भवन निर्माण कार्य शीघ्र कराने की अपील भी की गयी है. धर्मेंद्र कुमार, प्रभारी प्रधानाध्यापक

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version