हाजीपुर. नगर थाने की पुलिस ने समाहरणालय परिसर में नेशनल मानवाधिकार चेतना संगठन का बोर्ड लगाकर पहुंचे कार सवार पांच लोगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस ने यह कार्रवाई एसपी हरकिशोर राय के आदेश पर की है. पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी है. हालांकि हिरासत में लिए गये सभी व्यक्तियाें से आवश्यक पूछताछ के बाद पुलिस ने बांड बेल के आधार पर थाने से ही छोड़ दिया है. इस मामले में हिरासत में लिये गये व्यक्तियों ने पुलिस पर गलत तरीके से 24 घंटे तक अपनी कस्टडी में रखने का आरोप लगाया है. दर्ज प्राथमिकी में आरोप है कि बीते गुरुवार को नगर थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि समाहरणालय परिसर में मानवाधिकार का बोर्ड लगाकर पांच लोग संदिग्ध परिस्थिति में घूम रहे हैं तथा भोले भाले लोगों को मानवाधिकार के नाम पर गुमराह कर रहे हैं. सूचना पर नगर थानाध्यक्ष सुनील कुमार पुलिस टीम के साथ समाहरणालय परिसर पहुंचे. वहां पश्चिम बंगाल नंबर की कार के आगे नेशनल मानवाधिकार चेतना संगठन के प्रदेश अध्यक्ष का बोर्ड लगी कार खड़ी थी. कार में पांच लोग सवार थे. पुलिस ने जब पूछताछ की तो पता चला कि सभी संगठन के सदस्य है. उनकी पहचान महुआ थाना क्षेत्र के मकसुदपुर गांव निवासी कृष्णनंदन दास के पुत्र राजीव कुमार, जग नारायण दास के पुत्र सुमित कुमार, नितिन कुमार, हरलोचनपुर थाना क्षेत्र के अफजलपुर पुरैना गांव निवासी राम विलास सिंह के पुत्र मोनू निगम तथा जलेश्वर सिंह के पुत्र प्रमोद कुमार सिंह के रूप में हुई. कार सवार एक व्यक्ति द्वारा खुद को प्रदेश अध्यक्ष बताने तथा उसके पहचान पत्र को देख संदेह के आधार पर पुलिस सभी को हिरासत में लेकर थाना ले आयी.
संगठन के सदस्यों ने अपने आप को बताया निर्दोष
इस मामले में हिरासत में लिए गये कथित मानवाधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि वे दो महीने पूर्व ही संगठन से जुड़े थे. संगठन के संबंध में जानकारी देने के लिए एसपी हरकिशोर राय से मिलने उनके कार्यालय में गये थे. उनके द्वारा संगठन से संबंधित साक्ष्य मांगा गया था. उनके अनुसार सभी कागजात दिखाये गये. इसके बाद भी पुलिस सभी को अपनी कस्टडी में 24 घंटे तक थाने में रखने के बाद केस दर्ज कर दिया है. संगठन के वरीय अधिकारी को सूचना दी गयी है.जांच के दौरान संगठन के फर्जी होने का चला पता
जांच के दौरान पुलिस ने संगठन के सत्यापन को लेकर मानवाधिकार आयोग पटना से जानकारी मांगी, तो पता चला कि मानवाधिकार के नाम पर कुछ लोग फर्जी तरीके से संगठन का नाम तथा गाड़ी पर बोर्ड आदि लगा कर लोगों को गुमराह करते हैं. इस संबंध में थानाध्यक्ष ने बताया कि समाहरणालय परिसर से मानवाधिकार संगठन का बोर्ड लगाकर लोगों को गुमराह करने के आरोप में पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी है. जांच में सभी फर्जी संगठन के सदस्य बताये गये हैं. बेल बांड के आधार पर सभी को थाने से छोड़ दिया गया है. कार को जब्त कर कार्रवाई की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है