चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, एएनएम एवं आशा को दिया गया प्रशिक्षण

जिले में चमकी बुखार के प्रकोप एवं तापमान में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एईएस (चमकी बुखार) से निपटने को लेकर तैयारी में जुट गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2024 10:16 PM
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हाजीपुर. जिले में चमकी बुखार के प्रकोप एवं तापमान में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एईएस (चमकी बुखार) से निपटने को लेकर तैयारी में जुट गयी है. सिविल सर्जन के निर्देश पर जिले के सभी पीएचसी एवं अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में भी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके साथ ही जिले के सभी स्कूलों के शिक्षकों को भी बीमारी को लेकर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है. एईएस को लेकर पातेपुर पीएचसी में एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं को चमकी बुखार को लेकर प्राथमिक उपचार के साथ साथ तत्काल मुहैया कराए जाने वाली उपायों के बारे में जानकारी दी गयी. वहीं इसके लिए पीएचसी में दो बेड का एक स्पेशल एईएस वार्ड को सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ सुसज्जित किया गया है. जिले में चमकी बुखार से एक बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गयी है.

सिविल सर्जन डॉ श्याम नंदन प्रसाद ने बताया कि गर्मी की विभीषिका को देखते हुए जिले के सभी पीएचसी के चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सभी कर्मियों को चमकी बुखार को लेकर प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के साथ ही पीएचसी में पर्याप्त मात्रा में पारासीटामोल टैबलेट एवं ओआरएस उपलब्ध कराया गया है. इसके साथ ही सभी एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं को अपने अपने पोषक क्षेत्र में बुखार से पीड़ित बच्चे पर पैनी नजर रखने एवं उसे तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराने का निर्देश दिया गया है. सदर अस्पताल में चमकी बुखार के मरीजों के लिए स्पेशल व्यवस्था की गयी है. पर्याप्त दवा आदि उपलब्ध है.

चमकी बुखार की अनदेखी से जा सकती है बच्चे की जान

पातेपुर पीएचसी के सामुदायिक उत्प्रेरक डॉ सुशील कुमार ने बताया कि मस्तिष्क ज्वर भीषण गर्मी के दिनों में खासकर बच्चों में होने वाली एक बीमारी है. जिसमे बच्चों को तेज बुखार के साथ चमकी आती है. बच्चे को बुखार आने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लें. खासकर बच्चे को बुखार के दौरान चमकी आने पर थोड़ी भी लापरवाही न करें. चमकी बुखार में लापरवाही से पीड़ित बच्चे के जान को खतरा रहता है. इसके लिए खासकर विद्यालय के शिक्षकों एवं अभिभावकों को अपने बच्चे पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि बच्चों को कभी भी रात में खाली पेट नही सोने दे. बच्चे के शरीर के तापमान पर ध्यान दे. शरीर के तापमान बढ़ने का पता चलने पर तत्काल प्राथमिक उपचार के रूप में ठंडे पानी से बच्चे के शरीर को पोंछे. माथे पर कपड़ा भींगा कर पट्टी दे तथा तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर आएं. स्वास्थ्य केंद्र पातेपुर में ए ई एस के लिए अलग से एक वार्ड का निर्माण कराया गया है जिसमे पूर्णतः आधुनिक मशीन आदि लगाया गया है. उक्त वार्ड में एक स्पेशल चिकित्सक एवं एक प्रशिक्षित एएनएम की तैनाती की गयी है.

मस्तिष्क ज्वर के लक्षण

– सर दर्द,तेज बुखार आना जो 5 से 7 दिनों से ज्यादा का न हो.

– अर्ध चेतना एवं मरीज में पहचानने की क्षमता न होना, भ्रम की स्थिति उत्पन्न होना, बच्चे का बेहोश हो जाना.

– शरीर में चमकी होना या हाथ पैर में थरथराहट होना.

– पूरे शरीर या किसी खास अंग में लकवा मार देना या हाथ पैर में अकड़न आ जाना.

– बच्चे का मानसिक संतुलन खो देना.

उपयुक्त लक्षण दिखाई देने पर तत्काल बच्चे को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर आये. इसके लिए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क इलाज के लिए अस्पताल में व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है.

उपयुक्त लक्षण दिखाई देने पर क्या करें

– बच्चे के शरीर से कपड़े हटा लें एवं गर्दन सीधा रखें.

– अगर मुंह से लार या झाग निकल रहा हो तो साफ कपड़े से पोंछे, जिससे बच्चे को सांस लेने में कोई परेशानी न हो.

– चमकी आने पर मरीज को बांए या दाएं करवट में लिटा कर अस्पताल ले जाएं.

– अगर बच्चा बेहोश नहीं हो तो साफ एवं पीने योग्य पानी में ओ आर एस का घोल बनाकर पिलाऐं.

– तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोंछे एवं पंखा से हवा करे, ताकि बुखार कम हो सके.

क्या न करें

– बच्चे को खाली पेट न सोने दे.

– बच्चे को कंबल या गर्म कपड़े में न लपेटें.

– बच्चे का गर्दन झुका हुआ न रखें.

– चमकी बुखार दैविक प्रकोप नही है,यह अत्यधिक गर्मी एवं नमी के कारण होने वाली एक बीमारी है. इसलिए यह बीमारी का लक्षण दिखाई देने पर ओझा गुनी के चक्कर में समय न गंवाएं.

– मरीज के पास शोरगुल न करे.

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