hajipur news. बकरी एवं भेड़ विकास योजना में सामान्य कैटेगरी को 80% व एससी-एसटी को 90% अनुदान

योेजना के लिए 126 परिवारों का चयन, 16 को दी गयीं बकरियां, शेष को अगले महीने

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 10:12 PM

हाजीपुर. जिले में बीपीएल परिवारों को रोजगार से जोड़ कर आर्थिक स्थिति को मजबूत करने तथा आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य स्कीम के तहत समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना का लाभ दिया जा रहा है. योजना के तहत चयनित परिवारों को प्रशिक्षण दिए जाने के बाद जिला पशुपालन कार्यालय में लाभुकों के बीच अनुदानित दर पर उन्नत प्रजाति के बकरी का वितरण किया गया. वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिला पशुपालन कार्यालय के द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार विभिन्न प्रखंडों के कुल 126 लाभुकों का चयन किया गया है. इसके लिए सामान्य कैटेगरी के कुल 30, एससी कैटेगरी के 96 तथा एसटी कैटेगरी के तीन लोगों समेत कुल 129 लोगों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था.

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ प्रभावती कुमारी के नेतृत्व में शुक्रवार को जिला पशुपालन कार्यालय परिसर में प्रथम फेज में जिले के हाजीपुर तथा राघोपुर प्रखंड के विभाग के द्वारा चयनित कुल 16 परिवारों के बीच अनुदानित दर पर बकरियों का वितरण किया गया. जिला सहायक कुक्कुट पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रथम फेज में 13 एससी तथा 3 सामान्य कैटेगरी के लाभुकों को समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना का लाभ दिया गया है. शेष 110 चयनित लाभुकों के बीच आगामी 14 जनवरी तक बकरी का वितरण कर दिया जाएगा. इस दौरान विभागीय डॉक्टर आशुतोष मिश्रा ने लाभुकों को बकरी के खान-पान, रख-रखाव एवं उसके पालन विधि के संबंध आवश्यक जानकारी दी.

प्रशिक्षण के बाद उपलब्ध करायी जायेगी बकरी

जिला सहायक कुक्कुट पदाधिकारी ने बताया कि समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत जिले के बीपीएल परिवार की समृद्धि के लिए राज्य सरकार एवं पशुपालन विभाग विभिन्न प्रकार की स्कीम ला रही है. योजना के तहत चयनित लाभुकों को कैटेगरी के अनुसार सरकारी अनुदान का लाभ दिया जाता है. विभाग की गाइडलाइन के अनुसार सामान्य जाति के लिए 80 प्रतिशत अनुदान के साथ 3 हजार रुपये में 12 हजार रुपये की बकरी तथा एससी-एसटी के लिए 90 प्रतिशत अनुदान के साथ 15 सौ रुपये में 13 हजार 500 रुपये की बकरी देने का प्रावधान है. इसके लिए इच्छुक लाभुकों को पहले ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. आवेदन के बाद विभाग के द्वारा बकरी पालन का प्रशिक्षण दिए जाने के बाद अनुदानित दर पर बकरी उपलब्ध करायी जाती है.

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