बढ़ रही अगलगी की घटनाएं, बरतें सावधानी
थोड़ी सी सावधानी से रोका जा सकता आग की विभीषिका को, जागरूकता व समुचित प्रबंधन से रोकें अगलगी को, गर्मी के दस्तक के साथ घर से लेकर खलिहान तक कहर बरपा रही आग.
हाजीपुर. गर्मी बढ़ने के साथ ही अगलगी की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. कहीं खेत-खलिहान धधक रहे हैं तो कहीं घर-मकान खाक हो रहे हैं. विभिन्न कारणों से होने वाली अगलगी में जानमाल की भारी क्षति हुई है. अगलगी की घटना में हर वर्ष लाखों-करोड़ों रुपये की क्षति होती है. भले ही कहर बरपाती आग की विभीषिका को रोका नहीं जा सकता लेकिन थोड़ी सी सावधानी बरत की इसकी विभीषिका को काफी हद तक कम किया जा सकता है. या यूं कहें कि समुचित प्रबंधन कर आग की आपदा पर काबू पाया जा सकता है. आग की आपदा जिले में सबसे ज्यादा घातक रही है. प्रतिवर्ष अगलगी से किसानों के खून-पसीने की कमाई स्वाहा हो जाती है. कभी बिजली के तार तबाही मचाते हैं तो कभी हुक्का, सिगरेट व चूल्हे की चिंगारी भयावह तांडव करती है. पिछले दो महीनों की अगलगी की घटनाओं पर ही नजर डालें तो इन घटनाओं में फसल से लेकर घर में आग से लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ है. हर वर्ष होने वाली तबाही के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर ठोस पहल या कार्ययोजना का घोर अभाव दिखता है. अगर लोग खुद जागरूक होकर प्रयास करें तो न सिर्फ आग की आपदा पर नियंत्रण पाया जा सकता है, बल्कि इससे होने वाले नुकसान को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है. छोटी-छोटी सावधानियां भी आग के खतरे को कम करने में काफी कारगर होगी.
इस बार जानलेवा साबित हो रही आग
जिले में इस बार अगलगी की घटनाओं में जानमाल की भी भारी क्षति हो रही है. सबसे ज्यादा क्षति राघोपुर प्रखंड में हुई है. पिछले पांच दिनों के दौरान हुई अगलगी की भीषण घटना दो लोगों की झुलसने से मौत हाे चुकी है जबकि तीन लोग बुरी तरह से झुलस गये थे. अगलगी की इस घटना में करीब ढाई दर्जन घर समेत लाखों रुपये के सामान जल गये. वहीं दर्जनों मवेशियों की झुलस कर मौत हो चुकी है. बीते 2 अप्रैल को रुस्तपुर थाना के रुस्तमपुर गांव के वार्ड नंबर पांच में हुई अगलगी की घटना में एक दस वर्षीय बच्ची की झुलस कर मौत हो गयी थी. वहीं पति-पत्नी समेत दो लोग झलस कर घायल हो गये थे. वहीं बीते 6 अप्रैल को राघोपुर थाना क्षेत्र की चांदपुरा पंचायत में हुई अगलगी की घटना में एक 22 वर्षीय युवक की मौत हो गयी थी जबकि जुड़ावनपुर थाना की राघोपुर पश्चिमी में हुई अगलगी की घटना में एक वृद्ध झुलस कर गंभीर रूप से जख्मी हो गये.
सावधानी से ही बचाव-
– खलिहान को तालाब या पानी के अन्य साधन के निकट स्थापित करें.
– खलिहान से कम से कम 100 फुट की दूरी पर खाना पकायें .- बीड़ी, सिगरेट, हुक्का खलिहान में न पियें. उसे पूरी तरह बुझाकर ही छोड़ें.– खेत में फूस उस समय जलायें जब हवा न चल रही हो.
– रसोई घर की छत को टिन या एस्बेस्टस शीट से बनवायें.– यदि फूस से बनवायें तो उसमें अंदर की ओर मिट्टी का लेप लगवायें.
– फसल या कंडों के ढेर को घर से 100 फुट की दूरी पर रखें.– जलते हुए स्टोव या लैंप में मिट्टी का तेल न भरें.
– भोजन बनाते समय पहने हुए कपड़ों का प्रयोग कर स्टोव से बर्तन न उतारें.– गैस का सिलेंडर सदैव खड़ा रखें, रबर पाइप को छह माह में बदल दें.
– एक ही प्लग से एक साथ कई विद्युत उपकरणों का प्रयोग न करें.– बिजली के स्वीच बोर्ड निर्धारित ऊंचाई पर बच्चों की पहुंच के बाहर लगवायें.
आग लगने पर क्या करें-
– शॉट सर्किट से आग लगने पर सबसे पहले उस भवन का मेन स्विच काट दें.– अग्निशमन यंत्र का उपयोग आग बुझाने के लिए तत्काल करें.
– शॉट सर्किट से लगी आग बुझाने के लिए कभी भूल कर भी पानी न डालें.– बिजली के उपकरणों को दास्ताना पहन या सूखी लकड़ी के सहारे ही छुएं.
– गैस से आग लगने पर मकान की सारी खिड़कियां व दरवाजे खोल दें.– आग लगने पर तत्काल सूचना फायर स्टेशन या स्थानीय थाना को दें.
जलने पर प्राथमिक उपचार-
– जले स्थान को ठंडे पानी से साफ करें, जितना ठंडा उतना फायदा.– जले स्थान पर तत्काल कोई तेल या दवा का प्रयोग न करें.
– सूती कपड़े को गर्म पानी में उबाल कर जख्म को ढंक दें.