हाजीपुर/राघोपुर . राघोपुर प्रखंड को राजधानी पटना से जोड़ने वाले रुस्तमपुर-कच्ची दरगाह पीपा पुल पर जाम की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. गुरुवार को फिर एक बार पीपा पुल पर लगे भीषण जाम के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. जर्जर पीपा पुल पर वाहनों के ओवरटेक करने के कारण भीषण जाम लग गया. सुबह 7.30 बजे से 10 बजे तक जाम लगा रहा. गुरुवार की सुबह जर्जर पीपा पुल पर वाहनों की ओवरटेकिंग के कारण धीरे-धीरे पीपा पुल पर भीषण जाम लग गया. जाम इतनी भीषण थी कि पीपा पुल पर लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा था. जाम के कारण कारण दैनिक मजदूरी, नौकरी पेशा, दूध व्यवसाय एवं स्कूल कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं के साथ पटना से राघोपुर आने वाले सरकारी शिक्षक, प्रखंड, अंचल, स्वास्थ्य कर्मी घंटों जाम में फंसे रहे. पीपा पुल पर करीब ढाई घंटे तक लगे भीषण जाम के बावजूद स्थानीय पुलिस प्रशासन कहीं नहीं दिखी. बालू लोड ट्रैक्टर की आवाजाही से लग रहा जाम : स्थानीय लोगों का आरोप है कि पीपा पुल के समीप तैनात पटना एवं वैशाली पुलिस की लापरवाही की वजह से पीपा पुल पर लोगों को रोजाना जाम की समस्या झेलनी पड़ रही है. पुलिस के सामने ही ओवरलोड ट्रैक्टर पार करता है, लेकिन कोई उसे रोकता नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि पीपा पुल पर लगातार बालू लोड ट्रैक्टर के परिचालन की वजह से इसकी स्थिति जर्जर होती जा रही है. सुबह में इन वाहनों के परिचालन की वजह से ही पीपा पुल पर आये दिन लोगों को घंटों जाम की समस्या झेलनी पड़ती है.
पीपापुल की स्थिति हो गयी है जर्जर
राघोपुर प्रखंड को पटना से जोडने वाले पीपापुल की स्थिति काफी जर्जर हो गयी है. पीपापुल में लगे लगभग लोहे के चादर जर्जर हो चुके हैं. नट-बोल्ट इधर-उधर बिखरा पड़ा है. वहीं कई जगह पीपा पुल में लगी लोहे की रेलिंग भी टूटी हुई है. राघोपुर दियारा की तरफ से एप्रोच रोड भी जर्जर हो चुका है, जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कत होती है. खासकर दो पहिया वाहन के परिचालन एवं पैदल यात्रा करने वाले लोगों को परेशानी होती है.रुस्तमपुर गंगा नदी पर पीपा पुल के दूसरे लेन निर्माण अधूरा
रुस्तमपुर गंगा नदी पर दूसरे लेन पुल और बिदुपुर के जमींदारी घाट पर पीपा पुल का निर्माण कार्य पूरा करने से भी लोगों को परेशानी हो रही. रुस्तमपुर में पीपा पुल पर आए दिन लगने वाले जाम से लोग परेशान हैं. वहीं जमींदारी घाट पर पीपा पुल का निर्माण नहीं किए जाने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. भीषण ठंड में माथे पर गठरी मोटरी और मोटरसाइकिल ठेलकर बालू की रेत पर चलकर लोग नाव तक पहुंचते हैं. वहीं ठंडे पानी में जूता चप्पल हाथ में लेकर नाव पर किसी तरह सवार होकर जान जोखिम में डालकर ओवरलोडेड नाव से नदी पार करते हैं. जिससे हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है