बिदुपुर
. बिदुपुर के कथौलीया में दो दिवसीय सद्गुरु कबीर संत सम्मेलन का समापन हो गया. कार्यक्रम के दौरान भजन-कीर्तन व प्रवचन से पूरा माहौल भक्तिमय बना रहा. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कबीर मठ रोसड़ा, समस्तीपुर के महंत दीप नारायण साहेब ने कहा कि कबीर साहेब ने मूल रूप से समाज में भाईचारे का संदेश दिया है. उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता का सूत्रपात किया और सादगी व नशा रहित जीवन जीने की सीख दी थी.आज कबीर के विचारों के प्रचार-प्रसार की जरूरत
बतौर मुख्य अतिथि कबीर मठ, बिदुपुर के महंत साहेब रबिंद्र दास ने कहा कि जब समाज विचारों के चंगुल में फंस गया, गृहयुद्ध और कलह की स्थिति बन गयी और धर्म पर रूढ़िवादिता हावी हो गयी, उसी समय कबीर साहब का प्रादुर्भाव हुआ था. आज कबीर के विचारों के प्रचार प्रसार की जरूरत है, क्योंकि सारी दुनिया बारूद के ढेर पर बैठी है. अंधविश्वास और बाह्य आडंबर से घिरी है. ऐसे में कबीर साहेब के विचार प्रासंगिक हैं. कबीर साहेब ने समाज की वर्ग विसंगता पर प्रहार करके प्रेम और भाईचारा का विकास किया. यही नहीं अपने तर्क से उस समय के बड़े-बड़े धुरंधर को निरुत्तर कर दिया.
कार्यक्रम का संचालन कबीर आश्रम चकौसन के राम स्वार्थ साह ने की. कार्यक्रम के दौरान परसौनिया के महंत उपेंद्र साहेब, मुजफ्फरपुर के राम दास साहेब, भदवास के प्रेमचंद साहेब, माइल के राम प्रिय साहब, गोपालपुर के राम नरेश साहब, हीरा दास साहब, साध्वी इंद्रमती, शिक्षक हरिब्रज राम, बिनोद कुमार राय आदि ने अपने विचार व्यक्त किये. धन्यवाद ज्ञापन सीआरपीएफ के कमांडेंट चंदन कुमार राय ने किया. कार्यक्रम के समापन के बाद भंडारा का आयोजन किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है