पातेपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉक डाउन के दौरान सबसे ज्यादा चिंतित किसान नजर आ रहे हैं. खेत में लगी गेहूं की फसल तैयार है, लेकिन कटनी करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. हालांकि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि लॉक डाउन के दौरान गेहूं की कटनी प्रभावित नहीं होगी. इसके लिए कृषि विभाग को आवश्यक निर्देश भी दिये गये हैं. सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए गेहूं की कटाई के लिए कृषि विभाग की ओर से कृषि समन्वयकों व सलाहकारों को निर्देश भी दिये गये हैं. इसके बावजूद गेहूं की कटनी के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. मालूम हो कि पातेपुर प्रखंड में लोगों की आजीविका का साधन कृषि ही है.
80 फीसदी से ज्यादा लोग कृषि पर ही आश्रित है. प्रखंड क्षेत्र में गेहूं की खेती बड़े पैमाने पर होती है. पिछले महीने बारिश व ओलावृष्टि के दौरान फसलों को व्यापक क्षति पहुंची थी, जो फसलें किसी तरह बच गयीं, अब उनकी कटाई की समस्या उत्पन्न हो गयी है. खेत में लगी गेहूं की बालियां पक चुकी है. हवा के तेज झोके की वजह से गेहूं की बालियां खेतों में ही झड़ने लगी है. गर्मी व पछुआ हवा के झोके के साथ गेहूं के खेतों में अगलगी की घटनाएं भी बढ़ गयी है. गेहूं की कटनी के लिए किसान मजदूरों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस का डर व लॉक डाउन की वजह से वे कटनी करने को तैयार नहीं हैं.
क्या कहते हैं पदाधिकारी लॉक डाउन की वजह से गेहूं की कटनी प्रभावित न हो इसके लिए सरकार व कृषि विभाग की ओर निर्देश जारी किये गये हैं. किसान कम से कम मजदूरों के माध्यम से सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए गेहूं की कटनी करा सकते हैं. खलिहान में भी सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है. अशोक कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, पातेपुर.