आठ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामले में एक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश ने करीब सात वर्ष पूर्व एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को एक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 31, 2024 10:38 PM
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हाजीपुर. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश ने करीब सात वर्ष पूर्व एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को एक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही उस पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड की राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है. यह जानकारी विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा ने दी. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि महुआ थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने घर पर खेल रही आठ वर्षीय बच्ची को कमरे में ले जाकर एक व्यक्ति ने उसके साथ महुआ थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव निवासी रंजीत पासवान ने दुष्कर्म किया था. बच्ची के बेहोश हो जाने पर वह वहां से भाग निकला था. कुछ देर बाद पीड़िता की चाची की नजर घर खून से लथपथ तथा बेहोशी की हालत में पड़ी बच्ची पर पड़ी. उसके शोर मचाने पर आस पड़ोस के लोग जुट गये तथा बच्ची को इलाज के लिए पास के नर्सिंग होम में ले गये. वहां से उसे सदर अस्पताल भेज दिया गया था. इलाज के बाद होश में आने पर पीड़िता घटना की जानकारी अपनी चाची को दी. उसकी चाची के बयान पर महुआ थाना में 22 अप्रैल 2017 को रंजीत पासवान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी. इस मामले में पुलिस ने 05 अप्रैल 2020 को आरोप पत्र समर्पित किया. न्यायालय में 19 मई 2020 को संज्ञान लिया गया. इस मामले में 19 अक्टूबर 2020 को आरोप गठन किया गया. विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा द्वारा इस मामले में अभियोजन पक्ष के 08 तथा बचाव पक्ष के 04 साक्षियों एवं मामले में प्रस्तुत 06 प्रदर्श के कराये गये परीक्षण-प्रतिपरीक्षण के बाद रंजीत पासवान को नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के मामले में बीते 28 मई को दोषी करार किया गया था. शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है.

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