बंदरों के आतंक से परेशानी को लेकर सड़क जाम मामले में पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी

पातेपुर थाना क्षेत्र के बाजीतपुर गांव में बंदरों के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने बीते 30 सितंबर को महुआ-ताजपुर मार्ग को जाम कर दिया था.

By Prabhat Khabar News Desk | October 4, 2024 10:37 PM

हाजीपुर.

पातेपुर थाना क्षेत्र के बाजीतपुर गांव में बंदरों के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने बीते 30 सितंबर को महुआ-ताजपुर मार्ग को जाम कर दिया था. इस मामले में पातेपुर थाना की पुलिस ने 19 लोगाें के विरुद्ध नामजद तथा 25 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई कर रही है. हालांकि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद लोगों ने पुलिस प्रशासन के विरोध में आंदोलन करने की तैयारी में जुट गये है. इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने एसपी को आवेदन देकर मामले की जांच कराने तथा थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग की है. इस संबंध में थानाध्यक्ष शिवेंद्र नारायण सिंह के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि थाना क्षेत्र के बाजीतपुर गांव में बंदरों के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने बीते सोमवार को एसएच-49 को चूल्हा चौक के पास जाम कर दिया था. पुलिस ने आरोप लगाया है कि सड़क जाम के दौरान लोगों को समझाने गयी पुलिस के साथ गाली-गलौज तथा धक्का-मुक्की करने लगे थे. इस दौरान जाम में कई आवश्यक सेवा के वाहन भी फंसे थे. पुलिस ने आरोप लगाया है कि सड़क जाम के कारण एंबुलेंस को दूसरे रास्ते से भेजा गया है. इस मामले में सड़क जाम कर रहे ग्रामीण मंत्रनाथ कुंवर, राजेंद्र कुंवर, छोटू कुमार, राम नरेश झा, मुरारी कुमार, धनेश मिश्रा समेत कुल 19 लोगों को नामजद तथा 25 अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है.

ग्रामीणों ने पुलिस पर मनमानी करने का आरोप लगा कर किया एसपी से शिकायत :

सड़क जाम मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ग्रामीणों ने एसपी को आवेदन देकर बताया कि बंदरों के आतंक से ग्रामीण काफी परेशान थे. कई बाद वन विभाग के अधिकारी से लेकर प्रखंड एवं जिला स्तर के अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया गया था. लगभग तीन साल तक प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद लोगों ने सड़क जाम किया था. ग्रामीणों ने बताया है कि सड़क जाम के दौरान पातेपुर सीओ प्रभात कुमार के साथ वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे. इस दौरान एक भी ग्रामीण पुलिस के साथ किसी प्रकार के अभद्र व्यवहार नहीं किए है. सड़क जाम के दौरान किसी भी आवश्यक सेवा के वाहन एंबुलेंस, स्कूल वाहन तथा दूध वाहन को नहीं रोका गया है. इसके बाद भी पुलिस ने मनमानी करते हुए ग्रामीणों पर झूठा आरोप लगा कर प्राथमिकी दर्ज की है. ग्रामीणों ने इस मामले में वरीय पदाधिकारी से जांच करा कर केस का खत्म कराने तथा दोषी पुलिस पदाधिकारी पर उचित कार्रवाई की मांग की है.

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