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दांत की सर्जरी को आसान बनायेगा पावर एलिवेटर एंड लक्सेटर, मिला पेटेंट

हाजीपुर के दंत चिकित्सक ने आइआइटी पटना के साथ मिल कर पावर एलिवेटर एंड लक्सेटर, उपकरण तैयार किया है. दांत की सर्जरी में एलिवेटर उपकरण का अहम रोल होता है. सर्जरी के दौरान रोगी को काफी दर्द व विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन इस उपकरण के सहयोग से आने वाले समय में दांतों की सर्जरी काफी सुलभ तरीके से की जायेगी.

हाजीपुर. दांत की सर्जरी में एलिवेटर उपकरण का अहम रोल होता है. सर्जरी के दौरान रोगी को काफी दर्द व विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन आने वाले समय में दांतों की सर्जरी काफी सुलभ तरीके से की जायेगी. इसके लिए हाजीपुर के दंत चिकित्सक डॉ. शशि कुमार ने आइआइटी पटना के सहयोग से पावर एलिवेटर एंड लक्सेटर, उपकरण का आविष्कार किया है. इस उपकरण की मदद से काफी आसानी से दांत की सर्जरी की जा सकेगी. डॉ. शशि के इस उपकरण को पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार से पेटेंट प्रमाण पत्र भी मिल चुका है. डॉ. शशि बताते हैं कि दांत की सर्जरी के दौरान कई बार विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. अभी जितने भी उपकरण हैं, वे सभी मैनुअल और दूसरे देशों से आयात किये गये हैं. पावर एलिवेटर एंड लक्सेटर, भारत का पहला स्वदेशी उपकरण है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले समय में यह देश-दुनिया के डेंटल क्लिनिक में अपना स्थान बनाने में सफल रहेगा. वे बताते हैं कि फिलहाल ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से इसके प्रमाणीकरण की प्रक्रिया चल रही है.

दस वर्षों की मेहनत के बाद मिली सफलता

डॉ. शशि बताते हैं कि वे पिछले दस साल से दांत की सर्जरी को सुलभ बनाने के लिए इस आइडिया पर काम कर रहे थे. उनके इस आइडिया को मूर्तरूप देने के लिए अक्सर उनके क्लिनिक के स्टाफ लेथ मशीन वाले के यहां दौड़ लगाते रहते थे. वर्ष 2021 में उन्होंने आइआइटी पटना के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. कराली पात्रा से अपना आइडिया शेयर किया. साथ ही सीनियर रिसर्च फेलो अक्षय सक्सेना के साथ टीम बनाकर इस आइडिया पर काम शुरू किया. वर्ष 2022 में प्रगति मैदान में आयोजित डेंटल एक्सपो का डॉ. शशि के साथ आइआइी पटना की टीम ने विजिट किया था. आइआइटी पटना की मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने तीन बार उनके क्लिनिक पर विजिट किया. आइसी पटना की ओर से उन्हें दस लाख रुपये का सीड फंड उपलब्ध कराया. लंबे जद्दोजहद के बाद उन्हें वर्ष 2023 में इसे बनाने में सफलता मिली और इसके पेटेंट के आवेदन किया. अब उनके इस उपकरण को पेटेंट भी मिल गया है. वे बताते हैं कि फिलहाल वे चार और आइडिया पर आइआइटी पटना के साथ काम कर रहे हैं. साथ ही बीआइटी मेसरा के पटना एक्सटेंसन सेंटर के मैकेनिकल डिपार्टमेंट के साथ रोबोटिक्स पर काम कर रहे हैं. डॉ शशि को उद्योग विभाग बिहार सरकार द्वारा आयोजित बिहार इनोवेशन चैलेंज में तीसरा रैंक मिला था. इस उपलब्धि के लिए उन्हें तत्कालीन उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने एक लाख रुपये का चेक व प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया था.

क्या है पावर एलिवेटर

पावर एलिवेटर में हवा की मदद से टर्बाइन चलेगा. इससे ऊर्जा बनने के साथ ही उपकरण में लगा मोटर संचालित होगा. हवा पाइप के सहारे दिया जाएगा. डॉ. शशि बताते हैं कि मैकेनाइज्ड पावर एलिवेटर ऑपरेटर को दांतों के प्रतिरोध के केंद्र तक आसानी से पहुंचने और आसपास की संरचना पर न्यूनतम क्षति के साथ हटाने में मदद करता है. उपकरण की नोंक इधर-उधर घूमती रहती है, जिससे दांत को आसानी से निकालने के लिए मुंह के अंदर या ऊंचे क्षेत्र पर लिपट पर अधिक दबाव डालने की आजादी मिलती है. एंटी ट्रैप सेंसर और आपातकालीन स्टॉप बटन जैसी सुरक्षा सुविधाओं से लैस एलिवेटर मरीजों की सुरक्षा बढ़ाती है. आने वाले समय में यह उपकरण डेंटल सर्जरी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लायेगा.

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