लालगंज नगर. गंगा मुक्ति आंदोलन के बैनर तले नदी बचाओ अभियान सांस्कृतिक यात्रा का स्वागत बसंता जहानाबाद पंचायत में किया गया. इस दौरान मत्स्य जीवी सहयोग समिति लिमिटेड के प्रदेश अध्यक्ष प्रयाग सहनी ने कहा कि पहले जब नदियों पर कोई बांध नहीं था, तो नदियां अविरल और निर्मल थीं. नदियों में सिल्ट जमा नहीं होती था और न ही बाढ़ की समस्या होती थी. लेकिन, सरकार की गलत नीतियों के कारण आज पूरे राज्य की जनता बाढ़ और सुखाड़ की मार हर वर्ष झेल रही है. साेंस को बचाने के नाम पर मल्लाहों को नदियों से खदेड़ने की साजिश गंगा मुक्ति आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद अनिल प्रकाश ने कहा कि बागमती, गंडक, लखनदेई, अधवारा समूह की नदियां, करेह, नून आदि अपनी जालनुमा उपस्थिति से जनजीवन को सदियों से सुखमय बनाती रही है, लेकिन विकास के नाम पर बन रहे तटबंट, बराज, फैक्ट्री, मिल और थर्मलपावर स्टेशनों से निकल रहे जहरीले कचरे के कारण हमारी जीवनदायी नदियों का दम घुट रहा है. नदियों पर जीने वाले नाविक, मल्लाह, किसान, सब्जी उगाने वाले किसान, पशुपालकों की आजीविका और सांस्कृतिक जीवन पर गंभीर संकट मंडराने लगा है. अब तो गंगा एवं उससे जुड़ी तमाम नदियों को बड़ी-बड़ी देसी-विदेशी कंपनियों के हाथ मे सौंपने की शुरुआत हो चुकी है. सोंस(एक प्रकार का डॉल्फिन) को बचाने के नाम पर मल्लाहों को नदियों से खदेड़ने की साजिश चल रही है. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर पटना में गंगा मुक्ति आंदोलन के मित्रों का मिलन होगा. लालगंज में रुकने के बाद यह यात्रा पटना के लिए रवाना हो गयी. इस मौके पर रविदास महासंघ के प्रदेश महासचिव चंदेश्वर राम, अजय कुमार, देवेंद्र कुमार, लालगंज प्रखंड मत्स्य जीवी सहयोग समिति लिमिटेड के सचिव दिनेश सहनी, सदस्य गोपाल सहनी, दिलीप सहनी, लालबाबू सहनी, हरिहर सहनी आदि मौजूद थे.
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