साइबर फ्रॉड से बचने क लिए न अंजान वीडियो कॉल रिसिव करें, न अंजान लिंक पर करें क्लिक

साइबर अपराध के बढ़ते मामले को लेकर जिले के साइबर थाना तथा सी-डैक पटना के संयुक्त तत्वाधान में बिदुपुर प्रखंड के चकसिकंदर स्थित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज सभागार में साइबर क्राइम जागरूकता अभियान के तहत सेमिनार का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 25, 2024 10:10 PM

हाजीपुर/ बिदुपुर.

साइबर अपराध के बढ़ते मामले को लेकर जिले के साइबर थाना तथा सी-डैक पटना के संयुक्त तत्वाधान में बिदुपुर प्रखंड के चकसिकंदर स्थित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज सभागार में साइबर क्राइम जागरूकता अभियान के तहत सेमिनार का आयोजन किया गया. अभियान के तहत कॉलेज के छात्र-छात्राओं को साइबर फ्रॉड से बचने तथा ठगी का शिकार होने पर तत्काल इसकी सूचना साइबर सेल को देने के तरीके पर विस्तार से प्रकाश डाला गया. सेमिनार का आयोजन साइबर डीएसपी सह थानाध्यक्ष चांदनी सुमन के नेतृत्व में किया गया. कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनंत कुमार, सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर हृदय वर्मा, सब इंस्पेक्टर सौरभ लता, स्टार्ट-अप एक्सपर्ट देवाशीष कुमार आदि ने साइबर क्राइम के मामले एवं उससे बचाव को लेकर छात्रों को जानकारी दी. सेमिनार की शुरुआत कॉलेज के प्राचार्य डॉ कुमार के संबोधन से हुआ. इस दौरान साइबर क्राइम जागरूकता विषय पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया गया कि साइबर क्रांति ने आम लोगों के जीवन को आसान तो किया है, लेकिन इसके प्रति जागरूकता की कमी के कारण लोग साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं. साइबर फ्रॉड के शिकार बनने से बचने के लिए सभी लोगों का कर्तव्य है कि इसके प्रति खुद जागरूक रहते हुए समाज के अन्य लोगों को भी जागरूक कर ठगी के शिकार होने से पहले ही बचाने का प्रयास करें.

साइबर क्राइम के प्रति सामाजिक जागरूकता की है आवश्यकता :

कॉलेज के स्टार्टअप सेल एक्सपर्ट देवाशीष कुमार ने पीपीटी के माध्यम से विद्यार्थियों को सचित्र एवं चलचित्र के माध्यम से विस्तार पूर्वक साइबर क्राइम के उदाहरण के साथ उसके बचाव के उपाय पर प्रकाश डाला गया. इस दौरान डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष ने बताया कि किसी भी प्रकार के साइबर क्राइम का शिकार होते ही सबसे पहले टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल कर इसकी सूचना दर्ज करानी चाहिए. जिसका एक्नॉलेजमेंट संबंधित मोबाइल नंबर पर रेफरेंस नंबर के साथ दे दी जाती है. विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जमाने में वर्चुअल कॉल के द्वारा विभिन्न प्रकार के फ्रॉड एप का इस्तेमाल कर साइबर क्रिमिनल किसी को भी अपना शिकार बनाने का प्रयास करते हैं तथा असावधानी बरतने वाले लोगों को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं.

अनजान वीडियो कॉल को न करें रिसिव :

साइबर डीएसपी ने छात्रों को सलाह देते हुए बताया कि किसी अनजाने वीडियो कॉल को रिसीव न करें. अगर रिसीव कर भी लेते हैं तो मोबाइल कैमरे को उंगली से ढक कर बात करें. थोड़ा भी शक होने पर फोन को डिस्कनेक्ट कर देना चाहिए. किसी भी अनजाने एप को टच करने से परहेज करें. कई सारे एपीके फाइल ऐसे होते हैं जिनको मात्र टच कर देने से आप साइबर क्राइम के शिकार हो सकते हैं. बताया गया कि फेसबुक, व्हाट्सएप, बैंक अकाउंट आदि को हैकर पलक झपकते ही हैक कर सकते हैं. टेलीग्राम के माध्यम से अधिकतर साइबर क्राइम को अंजाम दिया जा रहा है.

पासवर्ड बनाने में बरते सावधानी :

कार्यक्रम के दौरान डीएसपी ने बताया कि हमें अपने सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए. अपने डेट ऑफ बर्थ, मोबाइल नंबर अथवा पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री के नाम पर पासवर्ड नहीं सेट करनी चाहिए. पासवर्ड कठिन बनाएं तथा समय-समय पर उसे बदलते रहें. ऑनलाइन लोन के चक्कर में युवा अक्सर साइबर क्राइम के शिकार हो जाते हैं. आरबीआइ फेक लोन एप के बारे में लगभग 300 से अधिक सूचना जारी कर रखी है. लोन संबंधित कार्य को क्रियान्वित करने से पहले उसके बारे में बेहतर तरीके से जानकारी हासिल कर लें. इस दौरान कॉलेज के छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त प्रो नेहा कुमारी, प्रो नेहा चौधरी, प्रो अमन कुमार, प्रो जैनब आदि उपस्थित थे.

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