उत्सवों के रंग में भंग करेंगी शहर की बदहाल सड़कें
शहर में उत्सवी माहौल बनना शुरू हो गया है. त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही चहल-पहल बढ़ गयी है.
हाजीपुर.
शहर में उत्सवी माहौल बनना शुरू हो गया है. त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही चहल-पहल बढ़ गयी है. दुर्गा पूजा उत्सव से लेकर दीपावली, महापर्व छठ और कार्तिक पूर्णिमा मेला तक त्योहारों का सीजन रहेगा. इन तमाम मौकों पर लोगों की भीड़ और दर्शकों-श्रद्धालुओं का उमड़ना जारी रहेगा. ऐसे में, शहर की बदहाल सड़कें उत्सवों के उमंग में खलल पैदा करेंगी, श्रद्धालुओं और यात्रियों की परेशानी का कारण बनेंगी. शहर की जीर्ण-शीर्ण सड़कें सालों से राहगीरों को रुला रही हैं. पहले से ही जर्जर हो चुकीं सड़कें बारिश या नाले के पानी में डूबने से और ज्यादा खतरनाक हो गयी हैं. शहर के हॉस्पिटल रोड, नखास चौक से जढुआ रोड समेत करीब एक दर्जन प्रमुख सड़कों पर हर पल हादसों का साया मंडराता रहता है. सीवरेज सिस्टम निर्माण के दौरान पिछले तीन-चार वर्षों में शहर की सड़कों को तोड़े-खोदे जाने के कारण ये इतनी बदहाल हो गयीं कि चलने लायक नहीं रहीं. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की नजर के सामने इन सड़कों पर दुर्घटनाओं का खौफ तैर रहा है. सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हादसों का कारण बन रहे हैं. हर रोज इन सड़कों पर टेंपू, इ रिक्शा, बाइकसवार, साइकिल और पैदलयात्री गिर कर घायल होते रहते हैं.नखास चौक से जढुआ रोड में चलना हुआ दुश्वार :
यह शहर का कटरा रोड है. स्थानीय नखास चौक से मस्जिद चौक होते हुए चौहट्टा चौक के बीच लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी तक यह सड़क चलने लायक नहीं रही. चौहट्टा से आगे शहर की ओर बढ़ने पर सड़क में गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं. शहर के भरत राउत कटरा मुहल्ले की अपनी पहचान रही है. आज सड़क की बदहाली के कारण इस मुहल्ले का नाम भी बदल गया है. लोगबाग इसे कचरा मुहल्ला कहने लगे हैं. नगर महादेव बाबा पातालेश्वरनाथ का मंदिर इसी रोड में स्थित है. इस रोड से सैकड़ों टेंपू और इ रिक्शा दिन भर गुजरते रहते हैं. अक्सर इनके पलटने की घटना होती रहती है. हाजीपुर-महनार रोड में चौहट्टा से आगे उधर जढुआ तक की सड़क भी बदहाल हो चुकी है. सीवरेज सिस्टम की मेन पाइपलाइन बिछाने के दौरान करीब एक साल पहले रोड को तोड़ा गया. उसके बाद से सड़क की स्थिति खराब हो गयी है. इस तरह जढुआ से लेकर गांधी चौक तक लोगों का आवागमन दुश्वार बना हुआ है. दुर्गा पूजा का उत्सव शुरू होने वाला है. शहर में दशहरा मेला घूमने और देवी प्रतिमाओं का दर्शन-पूजन करने हजारों हजार लोगों का इसी रोड से आना-जाना होता है. शहर की महत्वपूर्ण सड़क होने के बावजूद इसे अपने हाल पर छोड़ दिया गया है.आठ साल पहले तीन करोड़ की लागत से बनी थी सड़क :
कटरा रोड की बदहाली को लेकर लोगों में विभाग और जन प्रतिनिधियों के प्रति गहरी नाराजगी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रोड में हर पल दुर्घटना का खतरा बना रहता है. लगभग ढ़ाई दशक पूर्व काफी मजबूती के साथ इसका जीर्णोद्धार हुआ था. तब सड़क के पक्कीकरण के पहले नीचे में स्टोन ब्रिक्स से इसकी सोलिंग की गयी थी. बाद के वर्षों में सड़क टूटने लगी और बिल्कुल जर्जर हो गयी. 10-11 सालों तक परेशानी के बाद लोगों को राहत मिली, जब करीब आठ साल पहले रोड का फिर जीर्णोद्धार हुआ. पथ निर्माण विभाग ने अगस्त 2015 में लगभग 2 करोड़ 90 लाख रुपये की लागत से सड़क निर्माण कार्य का एग्रीमेंट गया की एक निर्माण एजेंसी से किया. वर्ष 2016 के अंत में सड़क निर्माण का काम पूरा हुआ. इसके बाद दो-तीन साल तक स्थिति ठीक रही, लेकिन पिछले पांच-छह वर्षों से यह सड़क राहगीरों को रुला रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है