हाजीपुर. जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य विभाग कई तरह की योजनाएं चला रही है. प्रशिक्षण योजना के तहत जिला मत्स्य पदाधिकारी के निर्देश पर विभिन्न क्षेत्रों से कुल 15 किसानों का चयन कर राज्य से बाहर मध्यप्रदेश के होसंगाबाद जिले के पावरखेड़ा स्थित केंद्रीय मात्सयिकी शिक्षा संस्थान भेजा गया है. प्रशिक्षण के बाद सभी किसानों को विभागीय स्तर पर योजना का लाभ देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा. अलग-अलग कैटेगरी के प्रशिक्षु किसानों के लिए अलग-अलग अनुदान भी दिया जा रहा है. इस संबंध में जिला मत्स्य प्रशिक्षण पदाधिकारी स्नेहा ने बताया कि जिले में मछली पालन को लेकर पर्याप्त संभावनाएं है. यहां मछली पालन का व्यवसाय वृहत पैमाने पर किया जा सकता है. मछली पालन कर यहां के किसान समृद्ध होने के साथ ही अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बना सकते है, लेकिन जागरूकता के अभाव में लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं. हालांकि, समय-समय पर विभागीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है. बताया गया कि जिले में मछली पालन का व्यवसाय एक जाति विशेष का व्यवसाय बन कर रह गया था, लेकिन इधर कई सालों में इस व्यवसाय के प्रति लोगों की सोच बदली है.
जिले में वेटलैंड की अधिकता
जिला मत्स्य प्रसार पदाधिकारी कर्मवीर प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि जिले में वेट लैंड की अधिकता के कारण पूरे साल काफी भूमि जल जमाव के कारण बेकार पड़ी रहती है. वैसे भूमि का उपयोग कर यहां के किसान अच्छी आमदनी कर सकते है. इसे देखते हुए मछली एवं झींगा पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रशिक्षण योजना के तहत जिले के 15 चयनित किसानों को सात दिवसीय प्रशिक्षण के मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिला स्थित केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान भेजा गया है. प्रशिक्षण का पूरा खर्च सरकार द्वारा किया जा रहा है. बताया गया कि योजना के तहत सामान्य कोटी के लिए 40 प्रतिशत, एससी एसटी के लिए 60 प्रतिशत तथा सभी कोटी के महिला लाभार्थी के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिये जाने का प्रावधान है.
योजना का लाभ लेने के लिए करना पड़ता है ऑनलाइन आवेदन
जिला मत्स्य पदाधिकारी गणेश राम ने बताया कि सरकार के गाइडलाइन के अनुसार बिना प्रशिक्षण के अब किसी भी लाभार्थी किसान को मत्स्य पालन विभाग द्वारा कोई भी योजना का लाभ नहीं दिया जाता है. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है. इसके लिए इच्छुक किसानों को विभाग के सरकारी बेवसाइट www.fishries.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. आवेदन के बाद प्रखंड स्तर के पदाधिकारी भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट जिला कार्यालय को भेजते है. इसके बाद लाभार्थी को प्रशिक्षण तथा अन्य योजना का लाभ दिया जाता है. बताया गया कि इस वर्ष राज्य के बाहर प्रशिक्षण के लिए कुल 42 किसानों ने आवेदन किया था वहीं राज्य के भीतर प्रशिक्षण के लिए कुल 142 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है.मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के तहत 90 प्रतिशत अनुदान
जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि जिले में एससी/एसटी कैटेगरी के किसानों के बिहार सरकार विशेष पैकेज देती है. इस योजना के तहत एससी/एसटी एवं सहनी समाज के किसानों के लिए मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत मछली पालन के लिए किसानों को लागत का 90 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है. इस योजना के तहत छोटे किसान भी बायो-फ्लैक टैंक में मछली पालन कर अपना रोजगार शुरु कर सकते है. यह धंधा काफी कम जगह में किया जा सकता है. इससे काफी कम समय में किसानों को अच्छी आमदनी होना शुरु हो जाता है.
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