बिदुपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच परदेशी मजदूरों के पॉव थमने का नाम नहीं ले रहे है. इन्हें कोरोना जैसी भयानक बीमारी से ज्यादा भूख से मरने की चिंता है. रोजी रोजगार के अवसर ठप होने के बाद परदेस में काम करने वाले किसी तरह घर पहुंचने को बेचैन दिख रहे है. घर पहुचने के लिए कोई बाइक से कोई साइकिल से तो कोई पैदल ही सैंकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर अपने-अपने घरों को पहुंच रहे है. नेपाल में रहने वाले बिदुपुर डीह के वार्ड 12 निवासी सुरेंद्र कुमार, धर्मेंद्र यादव, शिवचंद्र कुमार,पवन कुमार एवं धर्मेंद्र कुमार लॉक डाउन की वजह से घर लौटने के लिए पैदल ही अपने घरों को चल दिये.
बिदुपुर में अपने घर पहुंचने पर पहले इन लोगों ने अस्पताल पहुंच कर चिकित्सक से सलाह ली और खुद को होम क्वारंटीन कर लिया. बिदुपुर पंचायत के बिदुपुर डीह गांव के वार्ड 12 के रहने वाले इन मजदूरों ने नेपाल में रहकर ट्रांसपोर्ट में लोडिंग व अनलोडिंग का कार्य करते है तो कोई ट्रांसपोर्ट की गाड़ी चलाता है. लॉक डाउन की घोषणा के बाद वह बीते 30 मार्च को रात्रि दस बजे खाना बना कर रास्ते मे खाने के लिए लेकर घर के लिए निकल पड़े और 02 अप्रैल की सुबह चार बजे लगभग 53 घंटे लगातार पैदल चलकर घर पहुंचा. चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय दास ने बताया कि परिवार गांव एवं समाज को सुरक्षित रखने के लिए आपलोग को 14 दिन अलग रहना होगा खाना खाने के पहले एवं बाद में साबुन से हाथ धोना होगा. साथ ही किसी आदमी से दो मीटर की दूरी बना कर रखना है. चिकित्सक ने पंचायत में बने क्वारन्टाइन सेंटर में रहने की सलाह दी. जिसके बाद उक्त लोगो ने अपने घरों में ही 14 दिन तक होम क्वारंटीन होकर रहने का निर्णय लिया और खुद को अपने अपने घरों में ही होम क्वारंटीन कर लिया.