वैशाली जिले में लखपति दीदी योजना की कवायद जोर-शोर से शुरू हो गयी है. जिले में एक लाख तीन हजार नौ सौ 50 जीविका दीदियों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है. लखपति दीदी का आशय है कि उस दीदी की वार्षिक आय कम-से-कम एक लाख रुपये हो. जिले में 37 हजार जीविका स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग चार लाख 34 हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जो विभिन्न प्रकार का रोजगार कर रही हैं. इन्हीं जीविका दीदियों में से लखपति दीदी बनाने के लिए चयन किया जायेगा. चयनित दीदियों को रोजगार से संबंधित ट्रेनिंग देने के बाद उनकी आय हर वर्ष एक लाख तक करने के लिए मदद की जायेगी. समन्वय प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि जीविका दीदियों को लखपति बनाने के लिए जिले में कुल 32 मास्टर ट्रेनर बनाये गये हैं, जो 1352 सामुदायिक संसाधन सेवियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. प्रशिक्षण के बाद सभी सामुदायिक संसाधन सेवियों को विभिन्न प्रखंडों में तैनात कर निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने का टास्क दिया जायेगा. सामुदायिक संसाधन सेवी निर्धारित मापदंडों के अनुसार जीविका दीदियों का चयन कर संबंधित प्रखंड कार्यालय को जानकारी उपलब्ध करायेंगे. बताया गया कि इस योजना के तहत जीविका दीदियों को खेती, बकरी पालन, मुर्गी, मवेशी पालन, चाय व मिठाई की दुकान, नीरा व स्नैक्स की दुकान, फल व सब्जी की दुकान, किराना दुकान, स्टेशनरी की दुकान, जूते-चप्पल की दुकान, रेडीमेड कपड़ों की दुकान, जनरल स्टोर, इ-रिक्शा संचालन आदि रोजगार से जोड़ा जायेगा.
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