hajipur news. 54.45 करोड़ रुपये से वाया नदी की होगी उड़ाही, सरकार ने दी स्वीकृति

प्रगति यात्रा के दौरान सीएम ने की थी घोषणा, गाद की वजह से जिले के आधे हिस्से में बाढ़ का कारण बनती है वाया

By Prabhat Khabar News Desk | February 11, 2025 10:39 PM

हाजीपुर. बरसात के दिनों में वैशाली जिले के आधे इलाके में शोक का कारण बनने वाली वाया नदी आने वाले समय में किसानों की खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक बनने वाली है. इसकी उड़ाही के लिए 54.45 करोड़ रुपये की कार्ययोजना की स्वीकृति कैबिनेट से मिल गयी है. कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद इस योजना को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही रही है.

डीएम यशपाल मीणा ने बताया कि छह जनवरी को अपनी प्रगति यात्रा के दौरान वैशाली आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटेढ़ी बेलसर प्रखंड के मौना गांव में वाया नदी का निरीक्षण किया था. उस वक्त उन्होंने वाया नदी की उड़ाही का कार्य कराने की घोषणा की थी. साथ ही पदाधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद चार फरवरी को रिकॉर्ड समय के अंदर राज्य सरकार ने इसके लिए 54.45 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी. जल्द ही इस योजना पर काम भी शुरू हो जायेगा.

आठ प्रखंडों से होकर गुजरती है वाया नदी

वाया नदी जिले के वैशाली, पटेढ़ी बेलसर और गोरौल प्रखंडों के अलावा इस जिले के भगवानपुर, महुआ, जंदाहा, सहदेई बुजुर्ग और महनार प्रखंडों से होकर गुजरती है. इस नदी में गाद और मिट्टी भर जाने की वजह से इसकी गहराई काफी कम हो गयी हो गयी है. कई जगहों पर तो यह बड़े से नाला की तरह दिखती है. नदी के तल में गाद की वजह से इस नदी में बाढ़ या बारिश का पानी जमा नहीं हो पाता. नतीजतन बारिश के मौसम में जिले के कई प्रखंडों में यह नदी बाढ़ की विभीषिका अपने साथ लेकर आती है. वहीं कई बार बारिश का मौसम खत्म होने के कुछ माह बाद ही यह नदी सूख जाती है, इसकी वजह से नदी किनारे के हजारों हेक्टेयर खेत में होन वाली फसल की सिंचाई नहीं हो पाती है. अब इस नदी को खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक बनाने की दिशा में तेजी से कार्य चल रहा है.

वाया नदी की उड़ाही से होने वाले फायदे

जिले के आठ प्रखंडों के ग्रामीणों को मिलेगा लाभ. नदी के जल वहन क्षमता में वृद्धि.

जल स्रोतों के संरक्षण और बाढ़ नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण भूमिका.

गाद निकलने से पानी की प्रवाह क्षमता बढ़ेगी और बाढ़ का खतरा कम होगा.

गाद निकलने से पानी की गुणवत्ता में सुधार.

नदी की उड़ाही से नदी की गहराई बढ़गी, जिससे नदी में जल स्तर बनाए रखने में मदद मिलेगी.

नदी के किनारे की जमीन की उर्वरता बढ़ेगी.

विभिन्न जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों से निपटने में होगी सहायक.

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