बिहार में अगले साल पूरी होंगी आधा दर्जन एनएच परियोजनाएं, इन सड़कों पर दौड़ने लगेंगे वाहन

एनएच-31 पर करीब 8.15 किमी लंबाई में सिमरिया-औंटा फोरलेन हाइवे करीब 1161 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. इसका निर्माण पूरा करने की समयसीमा 29 अक्टूबर 2024 है. इसमें सिक्सलेन का गंगापुल भी शामिल है. इसके बन जाने से उत्तर और दक्षिण बिहार की सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2023 9:35 PM

पटना. राज्य में करीब 200 किमी लंबाई में करीब आधा दर्जन एनएच पर अगले साल से वाहन दौड़ने लगेंगे. इसमें सिमरिया-औंटा फोरलेन हाइवे, बेगूसराय शहर में एलिवेटेड सड़क, फोरलेन रजौली-बख्तियारपुर पैकेज तीन हाइवे है. इसके अलवा पटना रिंग रोड का हिस्सा सिक्सलेन कन्हौली-रामनगर, फोरलेन बख्तियारपुर-मोकामा, दो लेन और फोरलेन छपरा-हाजीपुर एनएच भी शामिल है.

2024 में पूरा होगा सिमरिया-औंटा फोरलेन हाइवे

जानकारी के अनुसार एनएच-31 पर करीब 8.15 किमी लंबाई में सिमरिया-औंटा फोरलेन हाइवे करीब 1161 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. इसका निर्माण पूरा करने की समयसीमा 29 अक्टूबर 2024 है. इसमें सिक्सलेन का गंगापुल भी शामिल है. इसके बन जाने से उत्तर और दक्षिण बिहार की सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होगी. वहीं बेगूसराय शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए करीब 255.99 करोड़ की लागत से करीब 4.2 किमी लंबाई में एनएच-31 पर फोरलेन एलिवेटेड सड़क बनने की समयसीमा 23 दिसंबर 2024 है.

रजौली-बख्तियारपुर और पटना रिंग रोड

इसके अलावा एनएच-30 पर फोरलेन रजौली-बख्तियारपुर पैकेज तीन हाइवे का निर्माण करीब 50.89 किमी लंबाई में करीब 2310 करोड़ रुपये की लागत से पूरा करने की समयसीमा 27 जून 2024 है. इसके बनने से दक्षिण बिहार के इलाके में सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होगी. वहीं एनएच-131जी के पहले पैकेज पटना रिंग रोड का हिस्सा सिक्सलेन कन्हौली-रामनगर का निर्माण करीब 39 किमी लंबाई में करीब 797 करोड़ की लागत से 31 जनवरी 2024 तक पूरा होने की संभावना है. इसके बनने से पटना शहर को जाम से मुक्ति मिलने लगेगी.

बख्तियारपुर-मोकामा और छपरा-हाजीपुर

सड़कों को बेहतर करने की योजना में शामिल एनएच-31 फोरलेन बख्तियारपुर-मोकामा का निर्माण करीब 44.60 किमी लंबाई में करीब 878.94 करोड़ रुपये की लागत से 30 जून 2024 तक पूरा करने की समयसीमा है. इस सड़क के बनने से पटना और दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार की सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होगी. वहीं एनएच-19 दो लेन और फोरलेन छपरा-हाजीपुर सड़क का निर्माण करीब 66.74 किमी लंबाई में करीब 575 करोड़ रुपये की लागत से 30 जून 2024 तक पूरा होने की संभावना है. इसका निर्माण वर्ष 2009 में ही शुरू हुआ था. इसका निर्माण करीब 10-11 साल की देरी से पूरा होने की मुख्य वजह जमीन अधिग्रहण की समस्या बताई जाती है.

पीएमओ से मंजूरी का इंतजार

इधर, बिहार में बनने वाले तीन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे सहित गंगा नदी पर जेपी गंगा के समानांतर नये छह लेन पुल को पीएमओ से मंजूरी का इंतजार है. इसमें गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे, रक्सौल-दिघवारा-हल्दिया सहित पूर्वांचल एक्सप्रेस का विस्तार भागलपुर तक करना शामिल है. इन सभी को पीएमओ से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण सहित अन्य प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. यह सभी परियोजनाएं भारतमाला परियोजना फेज-2 का हिस्सा हैं.

मुख्य परियोजनाएं

  • गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे, रक्सौल-दिघवारा-हल्दिया और पूर्वांचल एक्सप्रेस का भागलपुर तक होगा विस्तार

  • जेपी गंगा सेतु के समानांतर बनना है पुल

  • सभी परियोजनाओं को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित वित्त की मंजूरी मिल चुकी है

सभी परियोजनाएं करीब दो हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत

इन सभी परियोजनाओं को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित वित्त की मंजूरी मिल चुकी है. ये सभी परियोजनाएं करीब दो हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की हैं. दो हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनोमिक एफेयर्स (सीसीईए) की मंजूरी जरूरी होती है. इन परियोजनाओं के संबंध में पीएमओ ने संबंधित अधिकारियों से पत्राचार कर कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था. उन्हें राज्य सरकार की तरफ से पत्राचार का सही जवाब भी भेजा जा चुका है. ऐसे में इन सभी परियोजनाओं को सीसीईए की मंजूरी का इंतजार है. वहां से मंजूरी मिलते ही मंत्रालय से इनके निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने की हरी झंडी मिल जायेगी.

आमस-दरभंगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की चल रही निर्माण प्रक्रिया

बिहार में भारतमाला परियोजना के दूसरे चरण में पांच ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की घोषणा हुई थी. इसमें से वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे और आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिल चुकी है. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए बिहार में भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. इसके साथ ही आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे के लिए बचा हुआ जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है. साथ ही कुछ जगह निर्माण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

Next Article

Exit mobile version