पटना. विधान परिषद में मनोनीत 12 सदस्यों में हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) से एक भी सदस्य नहीं है. इससे दोनों दलों में नाराजगी है. पूर्व मुख्यमंत्री एवं हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने इसे अपमान बताया है.
विधानसभा परिसर में उन्होंने कहा कि हम- वीआइपी से एक भी सदस्य न बनाया जाना उचित नहीं हुआ. इस बारे में अब हम फैसला लेंगे. जदयू के साथ आने में हमारी कोई शर्त नहीं थी, लेकिन न्याय तो चाहिए था. दोनों दलों को एक- एक सीट तो मिलनी ही चाहिए थी.
वीआइपी के प्रवक्ता राजीव मिश्रा का कहना है कि हमारी पार्टी 12 एमएलसी के मनोनयन का विरोध करती है. इसमें गठबंधन धर्म को नहीं निभाया गया. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने विधानसभा चुनाव के समय प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि नौनिया समाज से एक एमएलसी बनायेंगे.
इस समाज से कई कद्दावर नेता हैं. हमसे राय लेना था. गठबंधन धर्म तो निभाया जाना चाहिए था. इधर, जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने विधान परिषद के 12 सदस्यों के मनोनयन को अन्यायपूर्ण बताया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जदयू के नवमनोनीत छह विधान पार्षदों ने बुधवार शाम एक अणे मार्ग में मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी को बधाई दी और विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान मौजूद रहकर कामकाज में सहयोग का निर्देश दिया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि वह अपनी आगे की राजनीति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में करेंगे. जो भी कहेंगे वही किया जायेगा. वे बुधवार को विधान परिषद में मनोनीत होने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे.
Posted by Ashish Jha