पटना. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने कहा है कि उनकी पार्टी कभी महागठबंधन में थी ही नहीं. बुधवार को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी न महागठबंधन का हिस्सा थी और न ही महागठबंधन से अलग हुई है. मांझी ने कहा कि वो हमेशा इस बात को कहते रहे हैं कि हम महागठबंधन में नहीं हैं. हम केवल नीतीश कुमार के साथ थे. महागठबंधन में रहे या ना रहें, जो कोई इस पर कुछ कहता है, तो फालतू बोलता है.
एक सवाल के जवाब में मांझी ने कहा कि ललन सिंह के कहने या न कहने से क्या होता है. देखिए यह आप लोग भूल जाते हैं. मालूम नहीं क्यों भूल जाते हैं. हमने सब दिन कहा हैं कि हम महागठबंधन में नहीं है. हम नीतीश कुमार के साथ थे, तो नीतीश कुमार के साथ हम हटे हैं. महागठबंधन में हम रहे या ना रहे, यह जो कहता है, यह फालतू बात करता है. हम महागठबंधन में कब थे? हम सब दिन कहे हैं कि हमको महागठबंधन से मतलब नहीं है. हम नीतीश कुमार के साथ हैं. खुलकर यह बातें हम बोले हैं. आप लोग इतना जल्दी भूल क्यों जाते हैं. 23 के बाद आप लोग देखिएगा कि हम क्या करते हैं.
दरअसल, कभी नीतीश कुमार के साथ हमेशा रहने की कसम खाने वाले हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने एक बार फिर उनसे अलग हो गये हैं. एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देशभर में भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की मुहिम में जुटे हैं. ऐसे वक्त में बिहार सरकार के कैबिनेट से मांझी के बेटे का इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद बिहार की राजनीति काफी गर्म हो चुकी है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि मांझी की पार्टी अब महागठबंधन का हिस्सा नहीं रही.