Happy Mothers Day: बेटी की पढ़ाई रुके नहीं, पति का भी हो इलाज इसके लिए पूनम ने थामा ऑटो का हैंडल

Happy Mothers Day: भागलपुर की इकलौती महिला टेंपो चालक हैं. सुबह से शाम तक जगदीशपुर-भागलपुर रूट पर टेंपो चलाती हैं और 600 से 700 रुपये तक प्रतिदिन कमा रही हैं. इस कमाई से बेटी व बेटा को पढ़ा रही हैं, तो बीमार पति का इलाज भी करा रही हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2022 9:29 AM

भागलपुर. कहते हैं महिलाओं की कलाई नाजुक होती है. लेकिन जब बात एक मां के सामने तरसते हुए बच्चे और एक पत्नी के सामने लाचार पति की हो, तो उसी कलाई में इतनी ताकत भर जाती है कि देखनेवालों की आंखें फट जाती हैं. इसी का मिसाल पेश कर रही हैं गोराडीह प्रखंड के सारथ गांव की रहनेवाली पूनम देवी. वह भागलपुर की इकलौती महिला टेंपो चालक हैं. सुबह से शाम तक जगदीशपुर-भागलपुर रूट पर टेंपो चलाती हैं और 600 से 700 रुपये तक प्रतिदिन कमा रही हैं. इस कमाई से बेटी व बेटा को पढ़ा रही हैं, तो बीमार पति का इलाज भी करा रही हैं. घर के सारे खर्च खुद ही उठा रही हैं.

ऐसी है इनकी रोज की रूटीन

पूनम देवी बताती हैं कि वह प्रतिदिन सुबह सात बजे घर से बेटी को लेकर टेंपो से निकलती हैं. जगदीशपुर स्थित एक निजी कोचिंग में उसे पहुंचाने के बाद जगदीशपुर-भागलपुर रूट पर टेंपो से सवारी ढोती हैं. 12 बजे तक जगदीशपुर वापस आकर बेटी को कोचिंग से रिसीव कर घर चली जाती हैं. घर में खाना खाकर थोड़ा आराम करती हैं और फिर दोपहर दो से शाम छह बजे तक उक्त रूट पर टेंपो चलाती हैं. इसमें उनकी प्रतिदिन की कमाई 600 से 700 रुपये हो जाती है.

डॉक्टर ने कहा है, तीन साल और चलेगा इलाज

पूनम देवी का कहना है कि पति का नियमित इलाज भागलपुर के एक चिकित्सक से करा रही हैं. डॉक्टर बोले हैं कि दो-तीन साल और इलाज चलेगा. उन्हें इस बात की उम्मीद है कि तीन साल बाद पति पहले जैसे चंगे हो जायेंगे. इसके बाद घर की स्थिति में और भी सुधार होगा. वह चाहती हैं कि उनकी 11वीं में पढ़नेवाली बेटी और पांचवीं कक्षा में पढ़नेवाले बेटे इतना पढ़-लिख लें कि उन्हें यह मलाल न रहे कि बच्चे के लिए कुछ नहीं कर पायीं. वह अपने काम से संतुष्ट हैं.

Also Read: बिहार में देर रात 35 IAS व आठ IPS अफसरों का तबादला, 13 जिलों में नए DM, पांच में नए एसपी तैनात
पति की लाचारी ने किया मजबूर

पूनम देवी के पति देवेंद्र चौधरी पिछले तीन-चार साल से बीमार हैं. उनके पैर में सुनबहरी की बीमारी है. पूनम ने बताया कि पूर्व में उन्होंने सावन में बासुकीनाथ धाम में चाय की दुकान चला कर कुछ पैसे जमा किये. उस पैसे से भैंस खरीदी. लेकिन पति के बीमार हो जाने के बाद घर की हालत कमजोर होने लगी. फिर भैंस बेच कर टेंपो खरीद लिया. शुरू में पांच-छह माह ड्राइवर से चलवाया. लेकिन इसके बाद खुद ही हैंडल संभाल लिया.

Next Article

Exit mobile version