प्रहलाद कुमार, पटना. पीएचइडी ने जलापूर्ति योजनाओं के संचालन, रख-रखाव, निगरानी के लिए 19 जिलों में हर घर नल का जल केंद्र खोलने का निर्णय लिया है. इस संबंध में सभी जिलों के कार्यपालक अभियंता को पत्र भेजा गया है. जिसमें कहा गया है कि योजना की निगरानी एवं लाभुकों की समस्याओं का तुरंत निबटारा करने के लिए जल सेवा केंद्र को संचालन किया जाना है, ताकि योजना बेहतर ढंग से 24 घंटे नियमित चले. यह निर्णय आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट टू 2020-25 के अंतर्गत लिया गया है.
जल सेवा केंद्र से यह मिलेगी राहत
हर घर नल का जल निश्चय की कार्यकारी व्यवस्था के तहत राज्य के वैसे वार्ड जहां भू जल में आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन की मात्रा अधिक है. वहां इस योजना से लोगों को राहत पहुंची है और जल जनित बीमारियों में कमी हो रही है. ऐसे में जल सेवा केंद्र के सहयेाग से सभी ग्रामीण परिवारों को जलापूर्ति सुलभ होगी. एक सहयोगी के रूप में बीच की कड़ी बनेगी, ताकि लोगों की समस्याओं का निष्पादन किया जायेगा.
यहां से फीडबैक भी लिया जायेगा
केंद्र की भूमिका एक संसाधन केंद्र की होगी. यहां से लाभुकों से फीडबैक लिया जायेगा. जलापू्र्ति योजना के पंप ऑपरेटरों की कनीय अभियंता के साथ मासिक बैठक, जल चौपाल, जल गुणवक्ता समीक्षा दिवस और संवेदकों की कार्यपालन अभियंता के साथ बैठकों का प्रतिवेदन भी तैयार करेगा. प्रोगशाला में जल नमूना के जांच की ससमय उपलब्धता जल गुणवक्ता जांच रिपोर्ट , फील्ड टेस्ट कीट द्वारा मासिक रूप से जल जांच और सैनेटेरी सर्वेक्षण की गतिविधियों की निगरानी किया जायेगा.
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इन जिलों में खुलेगा
पूर्णिया, कटिहार, बेगूसराय, अररिया, सुपौल, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, गया, हाजीपुर, खगड़िया, भागलपुर, रोहतास, किशनगंज, जमुई, बांका, नालंदा, पटना और दरभंगा में पहले चरण में होगा काम पूरा.