हर-घर नल का जल योजना से बिहार के 1.63 करोड़ परिवारों को मिल रहा लाभ, प्रतिदिन 6 घंटे की जा रही जलापूर्ति
बिहार सरकार ने पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने का संकल्प लिया था. सितंबर, 2016 में आरंभ इस योजना के तहत एक लाख 14 हजार 651 वार्डों में से एक लाख 13 हजार 472 वार्डों में काम पूरा हो गया है. 1.66 करोड़ परिवारों में से 1.63 करोड़ परिवारों को नियमित पीने का पानी की आपूर्ति की जा रही है.
पटना: राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल का प्रदेश के 1.63 करोड़ परिवारों को लाभ मिलने लगा है. सरकार ने कम संसाधन और कम समय में हर घर को नल का जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल किया है. जिस समय यह योजना शुरू हुई, उस समय बिहार में सिर्फ दो प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को ही नल का जल उपलब्ध था.
1.63 करोड़ परिवारों को मिल रहा पानी
बता दें कि सुशासन के कार्यक्रम 2015-20 के तहत विकसित बिहार के लिए सात निश्चय योजना के तहत राज्य के सभी परिवारों को उनके घर में नल के माध्यम से राज्य सरकार ने पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने का संकल्प लिया. सितंबर, 2016 में आरंभ इस योजना के तहत एक लाख 14 हजार 651 वार्डों में से एक लाख 13 हजार 472 वार्डों में काम पूरा हो गया है. 1.66 करोड़ परिवारों में से 1.63 करोड़ परिवारों को नियमित पीने का पानी की आपूर्ति की जा रही है. इसके तहत प्रतिदिन छह घंटे नियमित जलापूर्ति की जा रही है.
29245 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने किये हैं खर्च
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक हर घर नल का जल के लिए राज्य सरकार ने 29,245 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. जिसमें पीएचइडी द्वारा 14,091 करोड़ तथा पंचायती राज विभाग ने 15,154 करोड़ का हिस्सा है. 4,709 आर्सेनिक प्रभावित वार्डों में से 4,629 वार्डों में कार्य पूर्ण हो चुका है. 6.60 लाख परिवारों को आर्सेनिक मुक्त जल की आपूर्ति की जा रही है.
गौरतलब है कि राज्य, जिला एवं अनुमंडल स्तर पर जांच प्रयोगशालांए पानी की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए राज्य, जिला एवं अनुमंडल स्तर पर जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की गयी हैं. इसका ऑडिट ग्रामीण विकास विभाग के सामाजिक अंकेक्षण सोसायटी द्वारा कराया जा रहा है. पानी की कमी नहीं हो, इसके लिए राज्य सरकार ने दो अक्तूबर, 2019 को एक महत्वकांक्षी कार्यक्रम जल जीवन हरियाली मिशन की शुरुआत की.