Bihar Crime News: मुंगेर पुलिस एवं एसटीएफ जमालपुर ने मंगलवार को हार्डकोर नक्सली कारी देवी को गिरफ्तार किया. उसकी गिरफ्तारी मंगलवार को लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के गोरैया-सखौल जंगल से की गयी. कारी पहाड़ की तराई में बसे न्यू पैसरा की रहने वाली है. वह आजीमगंज पंचायत के मुखिया परमानंद टुडू हत्याकांड की आरोपित है. इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी.
धरहरा प्रखंड के पहाड़ी जंगल में स्थित न्यू पैसरा निवासी कारी देवी हार्डकोर नक्सली है, जो मुखिया का चुनाव हारने के बाद भी मुखिया बनने की लालसा नहीं छोड़ी और नवनिर्वाचित मुखिया परमानंद टुडू हत्याकांड में अग्रणी रही.
इस कांड में पूर्व मुखिया योगेंद्र कोड़ा भी जेल में बंद है. चुनाव की तारीखों का ऐलान भी होने वाला है. जिसके कारण वह नक्सलियों की मदद से एक बार पुन: मुखिया बनने को लेकर क्षेत्र में सक्रिय हो गयी और लोगों को संगठन से जोड़ने एवं मतदाताओं को नक्सलियों का भय दिखा कर अपने पक्ष में जोड़ने का कार्य कर रही थी.
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लडैयाटांड थाना क्षेत्र के न्यू पैसरा निवासी अर्जुन कोड़ा की पत्नी कारी देवी आजीमगंज पंचायत से मुखिया बनने का सपना लंबे समय से संजोये हुए है. हालांकि एक बार उसे योगेंद्र कोड़ा से हार का भी सामना करना पड़ा था. बावजूद उसने मुखिया बनने का सपना नहीं छोड़ा और वह नक्सली संगठन का हार्डकोर बन गयी. वह पहले से ही नक्सली संगठन से जुड़ी हुई थी.
वर्ष 2021 में जब मुखिया का चुनाव हुआ तो वह किसी कारणवश चुनाव में खड़ी नहीं हो सकी. इसमें परमानंद टुडू ने पूर्व मुखिया योगेंद्र कोड़ा को पराजित कर मुखिया का पद हासिल कर लिया. लेकिन नक्सलियों ने शपथ ग्रहण से पहले ही 23 दिसंबर 2021 को घर से अपहरण कर परमानंद टुडू की गला रेत कर हत्या कर दी. इसमें कारी देवी ने मुख्य भूमिका निभाई थी.
सूत्रों की मानें तो कारी देवी और योगेंद्र कोड़ा ने मुखिया बनने के लिए परमानंद टुडू की हत्या नक्सलियों के सहयोग से करवा दी थी, ताकि पुन: मुखिया का चुनाव होगा तो वह चुनाव लड़ेगी. परमानंद हत्याकांड में परिजनों ने जब केस नहीं किया तो लडैयाटांड थाना पुलिस ने खुद के बयान पर केस दर्ज किया और 20 लोगों को नामजद किया. पूर्व मुखिया योगेंद्र कोड़ा, उसका भाई धनेश्वर कोड़ा सहित कई नामजद आरोपित नक्सली को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
आजीमगंज पंचायत से मुखिया बनने के लिए कारी देवी हर वह रास्ता चुनने को तैयार है जिससे वह मुखिया बन जाय. परमानंद टुडू की हत्या के बाद पूर्व मुखिया योगेंद्र कोड़ा एव अन्य जब जेल चला गया तो उसे लगा कि इस बार वह मुखिया बन जायेगी. हालांकि वह खुद इस हत्याकांड की नामजद थी. सूत्रों की मानें तो आजीमंगज पंचायत के मुखिया पद का चुनाव की कभी भी घोषणा हो सकती है. इसके कारण वह मांद से निकल कर पंचायत के गांव-गांव घूम कर मतदाताओं से मिलने लगी. वह मतदाताओं को नक्सलियों का भय भी लगातार दिखाती थी.
यह सभी जानते है कि कारी देवी हार्डकोर नक्सली है जो मुखिया की हत्या करवा सकती है तो किसी की भी हत्या करवा सकती है. नक्सलियों का जहां भय दिखा कर मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने लगी थी. वहीं दूसरी ओर नक्सली संगठन को भी मजबूत करने के लिए लोगों को संगठन से जोड़ने, नक्सलियों की बैठक कराने का काम तेज कर दिया था. इसी सिलसिले में वह गोरैया, सखोल गांव गयी थी और जंगल के रास्ते न्यू पैसरा जा रही थी. जहां पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस अधीक्षक जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि मुखिया हत्याकांड में फरार नक्सली कारी देवी को गिरफ्तार किया गया है. वह पिछले कुछ समय से क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई थी. इसकी सूचना हमलोगों को थी और उसके बारे में हमलोग सूचना जुटाने में लगे हुए थे. जैसे ही पुख्ता सूचना मिला वैसे ही उसको गिरफ्तार कर लिया गया.
Posted By: Thakur Shaktilochan