30 को मनाया जायेगा हरितालिका तीज व चौठ चंद्र, 31 को है गणेश चतुर्दशी फिर गणपति पूजा का होगा शुभारंभ
सीतामढ़ी के पंडितों के अनुसार 31 अगस्त को गणेश चतुदर्शी है. अत: इसी दिन भगवान श्री गणेश की पूजा-आराधना शुरू होगी. श्री गणपति पूजा तीन दिन से लेकर 11 दिन तक होती है. 30 को हरितालिका तीज व चौठ चंद्र मनाया जायेगा.
सीतामढ़ी. जिले में आगामी 30 अगस्त को हरितालिका तीज एवं चौठ चंद्र का पावन त्योहार एक साथ मनाया जायेगा. पंडित मुकेश कुमार मिश्र से मिली जानकारी के अनुसार भगवान शिव एवं माता पार्वती को समर्पित हरितालिका तीज एवं भगवान गणेश एवं चंद्रमा को समर्पित प्रकृति से जुड़ा मिथिला का पारंपरिक पावन पर्व चौठ चंद्र यानी चौरचन का त्योहार 30 अगस्त को मनाया जायेगा.
31 को है गणेश चतुर्दशी, गणपति पूजा का होगा शुभारंभ
पंडित मुकेश कुमार मिश्र के अनुसार 31 अगस्त को गणेश चतुदर्शी है. अत: इसी दिन भगवान श्री गणेश की पूजा-आराधना शुरू होगी. श्री गणपति पूजा तीन दिन से लेकर 11 दिन तक होती है. किसी पूजा समिति द्वारा तीन दिन, किसी के द्वारा पांच दिन, किसी के द्वारा सात दिन, किसी के द्वारा नौ दिन व किसी पूजा समिति के द्वारा 11 दिन की पूजा-आराधना की जाती है.
एक सितंबर को ऋषि पंचमी
पंडित मुकेश कुमार मिश्र से मिली जानकारी के अनुसार आगामी एक सितंबर को ऋषि पंचमी है. यह तिथि ऋिषियों को समर्पित है. इस दिन तमाम ऋषियों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है. खासकर सप्तऋषि की विधि-विधान से पूजा-अर्चना एवं आरती की जाती है. इस दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों को सप्तऋषियों का आशीष प्राप्त होता है.
अकाल को टालने के लिये पार्थिव पूजन रामबाण
पंडित मुकेश कुमार मिश्रा ने कहा कि किसान को धरती पुत्र कहा जाता है. किसान में ही सबका जीवन निहित है. इस वर्ष वर्षा नहीं होने से अकाल की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. शास्त्र कहता है कि जब भी अकाल की स्थिति उत्पन्न होती है, तो पार्थिव पूजन रामबाण का कार्य करता है. अत: उन्होंने जिलेवासियों से गांव-गांव और मोहल्ले-मोहल्ले में व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से पार्थिव पूजन करने की अपील की है. कहा है कि यदि पार्थिव पूजन की जाये, तो जिलेवासियों को इसका लाभ अवश्यक मिलेगा.