बिहार में बेधड़क हो रही है हर्ष फायरिंग, खूब बहता है खून, जानिये क्या कहता है कानून
बिहार में लाख सख्ती के बावजूद बेधड़क हर्ष फायरिंग की घटनाएं होती है. आये दिन किसी न किसी शहर से हर्ष फायरिंग के दौरान मौत या घायल होने की सूचना आती है. मंगलवार को भी भोजपुर में देर रात बरात के दौरान हर्ष फायरिंग में गोली लगने से छत की रेलिंग पर खड़ा एक डाक्टर का पुत्र जख्मी हो गया.
पटना. बिहार में लाख सख्ती के बावजूद बेधड़क हर्ष फायरिंग की घटनाएं होती है. आये दिन किसी न किसी शहर से हर्ष फायरिंग के दौरान मौत या घायल होने की सूचना आती है. मंगलवार को भी भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर बाजार में देर रात बरात के दौरान हर्ष फायरिंग में गोली लगने से छत की रेलिंग पर खड़ा एक डाक्टर का पुत्र जख्मी हो गया. जख्मी किशोर को गोली दाएं साइड सीने में लगी है. इलाज के लिए आरा शहर के बाबू बाजार स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
डुमरांव का रहनेवाला है रणवीर
जख्मी किशोर 15 वर्षीय रणवीर कुमार सिंह मूल रूप से बक्सर जिला के डुमरांव थाना क्षेत्र के डुमरांव थाना रोड निवासी विनय कुमार सिंह का पुत्र है. वह 10वीं कक्षा का छात्र है. जख्मी किशोर के पिता विनय कुमार सिंह एक डेंटल डाक्टर है. डुमरांव थाना रोड में ही क्लीनिक चलाते हैं. वर्तमान में वे करीब आठ वर्ष से पटना जिला के दानापुर सगुना मोड़ पर अपना मकान बनाकर रहते हैं.
हवाई फायरिंग और हर्ष फायरिंग में है अंतर
शादी, सेलिब्रेशन, चुनाव में जीत जैसे जश्न भरे माहौल में जो हवाई फायरिंग की जाती है, उसे हर्ष फायरिंग कहा जाता है. वेस्टर्न कंट्रीज में न्यू ईयर पर हर्ष फायरिंग की जाती है. वहीं भारत के कई राज्यों में खासकर शादी के अवसर पर हर्ष फायरिंग खूब की जाती है. वहीं हर्ष फायरिंग से अलग हवाई फायरिंग अक्सर नागरिक सुरक्षा के मकसद से की जाती है. पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ती है.
हवाई फायरिंग केवल सुरक्षा की दृष्टि से स्वीकार्य
हवाई फायरिंग केवल सुरक्षा की दृष्टि से स्वीकार्य है, अन्यथा हर्ष फायरिंग और हवाई फायरिंग, दोनों ही कानूनी तौर पर अमान्य हैं. बिहार के मुंगेर में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस की फायरिंग में एक युवक की मौत हो गयी थी, जिसके बाद तत्कालीन एसपी लिपि सिंह को निलंबित कर दिया गया था. अन्य पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई हुई थी.
हाल के दिनों में हुई घटनाएं
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दानापुर में रिश्तेदार के घर शादी समारोह में शामिल होने पहुंची पार्षद सुजीत कुमार की पत्नी सन्नी देवी की हर्ष फायरिंग के दौरान गोली लगने से मौत हो गयी.
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सिवान जिले में जमो थाना के सिसवा कला गांव में शादी की खुशियां उस समय मातम में बदल गई, जब हर्ष फायरिंग में गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गया.
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लखीसराय जिले के टाउन थाना क्षेत्र के कार्यानंद नगर में हर्ष फायरिंग में बच्चे सत्यम कुमार की मौत हो गई है.
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मधेपुरा के उदाकिशुनगंज स्थित शेखपुर चमन गांव में बाराती पक्ष के दूल्हे का बड़ा भाई राजेश कुमार व दूसरा साला रंजन हर्ष फायरिंग के शिकार बने. दोनों की मौत हो गयी.
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मुंगेर के बरदह में शादी के दौरान हर्ष फायरिंग में गोली लगने से लड़की के ममेरे भाई बरदह के आकिब (18) की मौत मौके पर हो गयी.
हाल के महीनों में हर्ष फायरिंग की बढ़ी हैं घटनाएं
हाल के महीनों में बिहार के विभिन्न जिलों में हर्ष फायरिंग की घटनाएं बढ़ी हैं. शादी समारोह, तिलक समारोह, चुनाव में जीत, जन्मदिन उत्सव और पार्टियों में हर्ष फायरिंग की घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है. वैसे हर्ष फायरिंग और उस वजह से होने वाली मौत पर पुलिस मुख्यालय सख्त दिख रहा है. हर्ष फायरिंग करने वालों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस मुख्यालय से एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) विनय कुमार ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दे रखा है कि हर्ष फायरिंग में कोई घायल नहीं भी हो, तब भी फायरिंग करने वाले के विरुद्ध केस दर्ज करें.
क्या है कानून और दंड
बिहार में हर्ष फायरिंग करने वालों पर शस्त्र (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 25 (9) के तहत केस दर्ज करने को कहा गया है. इस अधिनियम के तहत जो कोई भी आग्नेयास्त्र का उपयोग उतावले या लापरवाही से या हर्ष फायरिंग करता है, जिससे मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो, एक अवधि के कारावास से जो दो साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना जो एक लाख रुपये तक हो सकता है, या दोनों के साथ दण्डनीय है.
हर्ष फायरिंग में लगे धारा 302
पटना हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव कुमार ने बताया कि हर्ष फायरिंग में मौत हो जाए, तो 304 के बजाए 302 का अपराध बनता है, जब लाइसेंसधारी को पता है कि हवाई फायरिंग करने से गोली किसी को लग सकती है. उसकी नीयत और मकसद सही नहीं है. यदि हर्ष फायरिंग से कोई घायल होता है, तो 307 का अपराध बनता है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश तो यहां तक है कि शादी एवं पार्टी में हथियार लेकर चलने पर भी लाइसेंस निरस्त किया जाए.