गोपालगंज. Hartalika Teej को लेकर बाजारों में महिलाओं की जबर्दस्त भीड़ देखने को मिल रही है. महिलाओं ने बाजारों में पसंदीदा वस्तुओं की खरीदारी की. हरतालिका तीज सजने-संवरने का त्योहार है और इस त्योहार की मान्यता के चलते महिलाओं में खासा उत्साह है. वहीं, दुकानदारों ने भी सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुओं का माल स्टॉक किया.
मंगलवार 30 अगस्त को हरतालिकातीज पर्व मनाया जाएगा. पर्व में एक दिन का शेष बचा है तो महिलाओं ने पर्व को लेकर खरीदारी शुरू कर दी है. नए वस्त्रों के अलावा महिलाएं सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुएं भी खरीद रही हैं. बाजारों में सबसे ज्यादा चूड़ियां, मेहंदी और नये कपड़ों की बिक्री हो रही हैं. रंग-बिरंगी चूड़ियां महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. उधर, चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रहे मोहन गुप्ता बताते हैं कि ज्वेलरी से लेकर शृंगार, कपड़ा, फल को मिलाकर पांच सौ करोड़ के कारोबार होने की उम्मीदें हैं. फलों और मिठाइयों का रेट महंगा होने के बाद भी उत्साह में कमी नहीं है. बाजार में बारिश के बाद भी बाजार में भीड़ के कारण सड़कों पर कीचड़ सना हुआ था.
रविवार को कपड़ों की दुकानों पर मनपसंद साड़ी पसंद करती नजर आयीं. मेनरोड, पुरानी चौक, मौनिया चौक, चंद्रगोखुल रोड, पुरानी चौक आदि बाजारों में सुबह से लेकर शाम तक खरीदारी के लिए महिलाओं की भीड़ रही. बाजार में खरीदारी करने के लिए पहुंची आकांक्षा, शीतल, विमला देवी और मीनाक्षी बताती हैं कि हरतालिका तीज को लेकर खासा उत्साह है. इस पर्व का हर साल बेसब्री से इंतजार रहता है. वह बाजार में चूड़ियां, नये कपड़े की खरीदारी करने के लिए पहुंची हैं.
हरतालिका तीज में घेवर की जबर्दस्त डिमांड बढ़ी है. बाजार में मिठाई की ऐसी कोई दुकान नहीं बची है, जहां भीड़ न हो. रविवार को बारिश के थमते ही शाम तक मिठाई की दुकानों पर भीड़ रही. थाना रोड स्थित दुकानदार भोला जी बताते हैं कि हरतालिका तीज पर्व को लेकर घेवर की बिक्री बढ़ी है. मिठाइयों का डिमांड भी बढ़ा हुआ है. सामान्य कलाकंद 460, घी बर्फी 500, काजू बर्फी 1000, मेवा लड्डू 1000 रुपये, पेड़ा-460, सोन पापड़ी घी वाला 500, लड्डू घी 340 रुपये किलो बिक रहा है. इसी तरह पिड़िकियां 260- 300 रुपये किलो बिक रही है.
हरतालिका तीज के मौके पर रिश्तेदारों के बीच तीज भेजने की रस्म इस वर्ष भी पूरे रीति रिवाज के अनुसार मनायी जा रही है. तीज व्रत के मौके पर शादी के बाद अगर दुल्हन ससुराल में है, तो उसके मायके की ओर से तीज यानी पूरे परिवार की कपड़ा, फल, मिठाइयां, शृंगार की सामग्री भेजी जाती है. साथ ही रिश्तेदार व करीबी तीज में जाते हैं, जहां उनकी खातिरदारी होती है व आने वाले रिश्तेदारों को कपड़ा आदि देकर विदाई की जाती है. उसी प्रकार दुल्हन अगर मायके में है, तो ससुराल पक्ष की ओर से पूरी औकात के हिसाब से इस रस्म को पूरा किया जाता है. खातिरदारी में कोई कमी नहीं रहे, इसका पूरा ख्याल रखा जाता है.