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Hartalika Teej 2024: बिहार में अखंड सुहाग के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला तीज व्रत, घर-घर में अनुष्ठान शुरू

Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज के व्रत में आठों पहर पूजन का विधान है. इसलिए व्रत की रात्रि -जागरण करते हुए महिलाओं ने शिव-पार्वती के मंत्रों का जाप या भजन भी किया.

Hartalika Teej 2024: बिहार में अखंड सुहाग की दीर्घायु के लिए शुक्रवार को सुहागिनों ने तीज का निर्जला उपवास किया. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के अलग-अलग गांवों के महिलाओं ने सुबह से ही घरों में हर्षोल्लास भरे माहौल में अनुष्ठान शुरू हुआ. नदियों के तट तक महिलाएं भक्ति गीतों के साथ स्नान ध्यान किया. इसे मंदिरों में इसे लेकर खासा उत्साह देखने को मिला. सुबह से दोपहर व शाम तक मंदिरों में महिलाएं सोलह श्रृंगार करके कथा सुनने पहुंची. वहीं बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने-अपने घरों पर ही तीज की पूजा की. सुहागिनों ने भगवान शिव, देवी पार्वती और गणेश जी की कच्ची मिट्टी से मूर्ति बनायी. साथ ही उनकी विधि-विधान से पूजन किया. बहुत से घर में पंडित से विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर कथाएं सुनीं.

हरतालिका तीज के व्रत में आठों पहर पूजन का विधान

हरतालिका तीज के व्रत में आठों पहर पूजन का विधान है. इसलिए व्रत की रात्रि -जागरण करते हुए महिलाओं ने शिव-पार्वती के मंत्रों का जाप या भजन भी किया. शुक्रवार को दिन में कभी धूप तो कभी धुप छांव बादल छाए रहने की वजह महिलाओं को निर्जला व्रत में थोड़ी कम परेशानी हुई. शुक्रवार को तृतीया तिथि दोपहर 12:18 बजे तक है. लेकिन सूर्योदय तृतीया तिथि में होने से उदया तिथि के मान के अनुसार, शुक्रवार को पूरे दिन तीज की पूजा करेंगी. पंडित सुबोध मिश्र व अंकित उपाध्याय के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज व्रत मनाया गया. इस व्रत को पहली बार मां पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए रखा था. मां पार्वती ने अन्न, जल त्याग कर कठिन तपस्या की, इसके बाद भगवान शिव ने मां पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार करने का वचन दिया. इस वर्ष हरतालिका तीज पर ग्रह-गोचरों का उत्तम संयोग बना हुआ है. भाद्रपद शुक्ल तृतीया को उदय गामिनी तिथि, हस्त नक्षत्र, शुक्ल योग, गर करण, अमृत योग के साथ रवि योग के सहयोग में हरतालिका तीज का व्रत शुरू किया. पूरे दिन सुहागिनें पूजा-अर्चना में लीन रहेंगी.

महिलाओं ने की पूजा

महिलाओं ने शृंगार कर चौकी पर भगवान गणेश, मां पार्वती और भोलेनाथ की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित की. सबसे पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद मां पार्वती को सुहाग का जोड़ा और श्रृंगार की सामग्रियां अर्पित की गयी. तीज की कथा सुनाकर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती की गई.

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तीज त्योहार भारतीय सभ्यता संस्कृति परंपरा का एक हिस्सा

तीज व्रती मनीषा बारी, सुनैना देवी, अर्चना देवी ने कहा कि हरतालिका तीज व्रत पर 24 घंटे का निर्जला उपवास रखकर पति की लंबी आयु की कामना की. उनका कहना है कि तीज त्योहार भारतीय सभ्यता संस्कृति परंपरा की एक हिस्सा है. उसे उनके पूर्वज सदियों से मनाते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि त्योहार में महिलाएं अपनी उत्कृष्टता दिखाते हुए उमंग और खुशियों को जाहिर करती हैं.

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