Hartalika Teej 2024: बिहार में हरितालिका तीज छह सितंबर को मनायी जाएगी. आज सुहागिनों ने नहाय-खाय का अनुष्ठान पूरा किया. आज दिन भर महिलाओं को खरीदारी करते हुए बाजारों में देखा गया. हालांकि तीज के लिए बाजार दो दन पहले से ही सज गए हैं. महिलाएं खूब खरीदारी कर रहीं हैं. चूड़ियों से लेकर सौंदर्य प्रसाधन के सामान की भी खरीदारी शुरू हो गई है. वस्त्र,आभूषण, पूजा , फल व शृंगार सामग्री की खरीदारी को लेकर गुरुवार को बाजार में भीड़ उमड़ी रही. खरीदारी के लिए काफी संख्या में महिलाएं पहुंची थीं, महिलाओं ने साड़ी, पूजन सामग्री, डलिया आदि की जम कर खरीदारी की. खासकर, चुड़ियों की दुकान पर महिलाओं की भीड़ रही.
पति की लंबी उम्र की करती हैं कामना
मोतिहारी से आचार्य पंडित सुमन पाण्डेय व पंडित अमीत कुमार पाठक ने बताया कि तीज के दिन महिलाएं 16 शृंगार करती हैं. महिलाएं इस व्रत को रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जायेगा. हरतालिका तीज के दिन महिलाएं नए कपडें पहनती है, मेहंदी लगाती हैं, और शृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए लिए हरतालिका तीज व्रत करती हैं. हरतालिका तीज व्रत को सभी व्रतों में सबसे बड़ा व्रत भी माना जाता है. महिलाओं और कुंवारी लड़कियों के लिए इस व्रत का खास महत्व होता है. इस व्रत में भगवान शिव, माता गौरी और श्री गणेश की पूजा की जाती है.
सुहागिनों ने किया नहाय-खाय का अनुष्ठान
भागलपुर में अखंड सुहाग का व्रत तीज को लेकर गुरुवार को सुहागिन महिलाओं ने गंगा स्नान कर विभिन्न प्रकार का व्यंजन बनाया. अपने पति को भोजन करा भोजन ग्रहण किया. आज सुहागिन महिलाओं ने नहाय-खाय का अनुष्ठान पूरा किया. शुक्रवार को सुहागिन महिलाएं बिना अन्न व जल के दिन भर उपवास करेंगी. व्रती महिलाएं अपने अखंड सुहाग और कुंवारी लड़कियां मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं. यह व्रत उनके लिए खास है जिसका पहला तीज है.
अचानक अमरूद, केला व खीरा के भाव चढ़े
तीज व्रत के एक दिन पहले बाजार में चहल-पहल रही. डलिया, फल, मिठाई, पूजन सामग्री से लेकर व्रतियों ने सुहाग की अन्य सामग्री की खरीदारी की. मेहंदी लगाने के लिए ब्यूटी पार्लर में महिलाओं की अच्छी भीड़ रही. पांच प्रकार के फल, डलिया व अन्य पूजन सामग्री की खरीदारी को लेकर बाजार में व्रतियों की भीड़ उमड़ी. छोटी डलिया की कीमत दो दिन में 30 रुपये की बजाय 40 रुपये पीस हो गयी. इसके अलावा भगवान शंकर व माता पार्वती की प्रतिमा 100 से 300 रुपये तक बिके. मिठाई दुकानदार नंदकिशोर साह ने बताया कि भागलपुर में अब रेडीमेड पकवान का प्रचलन है. अभी बाजार में 200 से 350 रुपये किलो ठेकुआ व अन्य पकवान मिल रहे हैं.
फलों के दाम बढ़े, व्रतियों की श्रद्धा नहीं हुई कम
कई फल महंगे हो गये. फल विक्रेता मनोज कुमार ने बताया सामान्य दिनों से पांच गुना फल की बिक्री बढ़ गयी. त्योहार को लेकर फलों के भाव भी चढ़ गये. अनार 120 से 140 से बढ़ कर 140 से 200 रुपये किलो, सेब 100 रुपये से बढ़ कर 130-150 रुपये किलो, केला 15-40 रुपये दर्जन से बढ़कर 25 से 50 रुपये दर्जन, खीरा 40 रुपये किलो से बढ़ कर 60 से 80 रुपये किलो, अमरुद 50 से बढ़ कर 70 रुपये किलो, नारियल 30-50 की बजाय 40 से 60 रुपये प्रति पीस तक बिके. आनंद चिकित्सालय रोड, लोहिया पुल के नीचे ईख 10 रुपये डंडा से लेकर 50 रुपये डंडा तक हो गया. पूजन सामग्री सामान्य रूप से 10 रुपये पुड़िया, डलिया में चढ़ने वाला सुहाग का सामान 10 रुपये पैकेट बिक रहा था.