Bihar News: भागलपुर के बरारी थाना क्षेत्र के बड़ी खंजरपुर स्थित मंठ घाट से गंगा नदी तैर कर पार कर रही करीब 50 भैंस और दो चरवाहे नदी में ड्रेजिंग कर रहे जहाज की चपेट में आ गये थे. उक्त घटना के बाद रविवार देर शाम तक की दो दर्जन से अधिक भैंस के शव को नदी से बरामद कर किनारे लगाये जाने की बात सामने आयी थी. वहीं घटना के दूसरे और तीसरे दिन यानी मंगलवार को भी गंगा नदी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. पर न तो लापता हुए चरवाहों का कुछ पता चला और न ही लापता भैंसों का.
भैंसों के मरने और लापता होने के बाद इधर बड़ी खंजरपुर, मायागंज और मुस्तफापुर में मौजूद भैंसों का बथान खाली पड़ा हुआ है. कोई अपने बथान में बैठ अपनी किस्मत और हुए लाखों के नुकसान का आकलन कर रहा है तो कोई प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है. वहीं लापता हुए दो चरवाहे सिकंदर यादव और कारू यादव के परिवार के लोग मंगलवार को सुबह से ही काली घाट पर गंगा नदी में टकटकी लगा चल रहे सर्च ऑपरेशन को देखते रहे.
शहर के विसर्जन घाट पर ड्रेजिंग कर रहे जहाज की चपेट में आकर मवेशियों व चरवाहों की मौत का मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है. ड्रेजिंग हादसे की जानकारी अबतक भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के पटना या दिल्ली मुख्यालय को अबतक नहीं भेजी गयी है. पटना मुख्यालय में प्राधिकरण के चेयरमैन की अध्यक्षता में जलमार्ग के विकास के लिए समीक्षा बैठक भी हुई. लेकिन इस बैठक में भागलपुर में हुए हादसे की चर्चा भी नहीं हुई.
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ज्ञात हो कि पटना से कहलगांव बटेश्वर स्थान तक राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक का संचालन क्षेत्रीय कार्यालय पटना से होता है. यह हादसा क्षेत्रीय कार्यालय पटना के क्षेत्र में हुआ है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अबतक इस हादसे की जानकारी भागलपुर जिला प्रशासन की ओर से पटना मुख्यालय को नहीं भेजी गयी है.
हादसे को लेकर इधर, जलमार्ग प्राधिकरण साहिबगंज रीजन के उप निदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि वह बुधवार को पटना मुख्यालय में आयोजित होने वाली बैठक में शामिल होंगे. वहां जाने पर ही पता चलेगा कि भागलपुर में हुए हादसे को लेकर क्या अपडेट है. प्रशांत कुमार ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि यह घटना किस कारण से हुई.
Published By: Thakur Shaktilochan