हाइस्कूलों में हेडमास्टर नियुक्ति का मामला: हाइकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार के खंडपीठ ने टीइटी और एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की रिट याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
पटना. राज्य के हाइस्कूलों में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के मामले में पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार के खंडपीठ ने टीइटी और एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की रिट याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
इस याचिका में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए बनी नियमावली की संवैधानिकता को चुनौती दी गयी है. कोर्ट ने कहा है कि प्रधानाध्यापक के पद पर उक्त नियमावली के तहत नियुक्ति इस मामले में पारित आदेश के फलाफल पर निर्भर करेगी. अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद होगी.
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि 18 अगस्त, 2021 को अधिसूचित हुई बिहार राज्य उच्चतर माध्यमिक स्कूल प्रधानाध्यपक नियमावली में नियुक्ति की अहर्ताएं परस्पर विरोधी हैं. एक ओर 2012 की नियमावली के तहत टीइटी पास करना अनिवार्य है, वहीं शैक्षणिक अनुभव को न्यूनतम 10 साल रखा गया है.
कोर्ट को बताया गया कि 2012 की नियमावली के तहत टीइटी पास कर अधिकतर अभ्यर्थी 2014 में शिक्षक बने. इसलिए टीइटी पास शिक्षकों का न्यूनतम कार्य अनुभव 10 साल तक का नहीं हो पाया है. नतीजतन प्रधानाध्यपक नियुक्ति में मनमानी हो रही है. हाइकोर्ट ने इस पर सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया है.
Posted by Ashish Jha