BPSC Head Master Result: बिहार में ओएमआर शीट तक नहीं भर पाये 86 अभ्यर्थी, खाली रह गये 6 हजार पद

प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए ली गयी परीक्षा का रिजल्ट बीपीएससी ने गुरुवार को प्रकाशित कर दिया. इसमें केवल 421 अभ्यर्थी सफल घोषित किये गये हैं और 6421 सीटों में से छह हजार सीट खाली रह गयी. इसकी वजह योग्य अभ्यर्थियों का नहीं मिलना है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 5, 2022 6:57 AM

पटना. शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाले प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए ली गयी परीक्षा का रिजल्ट बीपीएससी ने गुरुवार को प्रकाशित कर दिया. इसमें केवल 421 अभ्यर्थी सफल घोषित किये गये हैं और 6421 सीटों में से छह हजार सीट खाली रह गयी. इसकी वजह योग्य अभ्यर्थियों का नहीं मिलना है.

रिक्ति से केवल दोगुने मिले थे आवेदन

प्रदेश के 6421 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त प्रधानाध्यापक के पदों की वैकेंसी एक लंबे अरसे के बाद एक साथ आने की वजह से बहुत अधिक थी. इसमें आवेदन के लिए प्रदेश के सरकारी स्कूलों (सरकार या स्थानीय निकायों द्वारा संचालित) में पढ़ाने का अनुभव होने की अनिवार्य शर्त रखी गयी थी. सामान्य व्यक्ति या बीएड डिग्रीधारी जो किसी सरकारी स्कूल में शिक्षक नहीं है, वह आवेदन नहीं कर सकता था. अनुभव अवधि इतनी लंबी रखी गयी थी कि सरकारी या अर्धसरकारी स्कूलों के शिक्षकों में भी कम ही उसेपूरी कर पाये. इससे 14 हजार आवेदन ही मिले.

48 रहा अनारक्षित वर्ग का कट ऑफ

421 अभ्यर्थी सफल घोषित किये गये. इसमें सामान्य वर्ग के 99, एससी के 21, एसटी के एक, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 103 और पिछड़ा वर्ग के 140 अभ्यर्थी शामिल हैं. अनारक्षित वर्ग का कट ऑफ केवल 48 रहा है.

क्वालिफाइंग अंक नहीं ला सके 96%

14 हजार आवेदकों में से भी 13055 अभ्यर्थी ही 31 मई को लिखित (वस्तुनिष्ठ) परीक्षा में सम्मिलित हुए. इनमें से 12547 अभ्यर्थी, जो कुल आवेदकों के 96.10% थे, क्वालिफाइंग अंक लाने में असफल रहे. 87 अभ्यर्थी तो ओएमआर उत्तरपत्रक पर प्रश्न पुस्तिका शृंखला सही से नहीं लिख पाये, जबकि 10 वर्ष या उससे अधिक समय से येपढ़ा रहे थे. ओएमआर शीट का मूल्यांकन नहीं होने से उम्मीदवारी ही रद्द हो गयी.

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