बिहार में 67 प्रतिशत गर्भवती ही ले पाती मुफ्त सुविधाओं का लाभ, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया रिपोर्ट
सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं का मुफ्त में रजिस्ट्रेशन किया जाता है. मई 2021 की जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं को मुफ्त में टेटनस के तीन टीके दिये जाते हैं.
बिहार में सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए सभी सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध करायी गयी हैं. स्थिति यह है कि स्वास्थ्य के लिए मुफ्त में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाने में भी गर्भवती पीछे रह जाती है. मुफ्त सुविधाओं का लाभ अधिकतम 67 प्रतिशत गर्भवती ही उठा पाती हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एक-एक सेवा के बारे में रिपोर्ट जारी की गयी है.
गर्भवती महिलाओं का मुफ्त में रजिस्ट्रेशन
सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं का मुफ्त में रजिस्ट्रेशन किया जाता है. मई 2021 की जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं को मुफ्त में टेटनस के तीन टीके दिये जाते हैं. ऐसी महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए पूरे डोज के रूप में मुफ्त में 180 आयरन फॉलिक टैबलेट दिया जाता है जबकि हड्डी को मजबूत करने के लिए मुपत में ही 360 कैल्सियम का टैबलेट दिया जाता है.
चार बार मुफ्त में चेकअप की सुविधा
गर्भवास्था में कृमि नाशक दवा के रूप में एल्बेंडाजोल की दवा दी जाती है जबकि प्रसव के पूर्व चार बार मुफ्त में चेकअप की सुविधा उपलब्धि है. मई 2021 में राज्य में 198026 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण हुआ था. पंजीकृत गर्भवतियों में से सिर्फ 68 प्रतिशत गर्भवती का पंजीकरण 12 सप्ताह के अंदर हुआ है.
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कितनी प्रतिशत महिलाओं ने ली दवा
टेटनस की पहली टीका सिर्फ 54 प्रतिशत महिलाओं ने लिया जबकि टेटनस का दूसरा टीका सिर्फ 50 प्रतिशत महिलाएं लेने पहुंची. टेटनस का बूस्टर डोज तो सिर्फ 37 प्रतिशत महिलाओं ने ही लिया. इसी प्रकार से आयरन की पूरी 180 टैबलेट सिर्फ 67 प्रतिशत ने तो कैल्सियम की 360 गोली सिर्फ 61 प्रतिशत गर्भवती ने लिया था. प्रथम तिमाही में कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल की खुराक तो 32 प्रतिशत महिलाओं ने लिया था.