Loading election data...

स्वास्थ्य मंत्रायल ने बताया, बिहार के लोग देश में सबसे स्वस्थ, दवा पर खर्चे सबसे कम रुपये, केरल सबसे आगे

देश में बिहारी सबसे ज्यादा स्वस्थ्य हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में ये जानकारी मिली है. मंत्रालय ने बताया कि बिहार में दवा पर वार्षिक प्रति व्यक्ति व्यय केवल 298 रुपये है. जबकि केरल के लोगों ने प्रति व्यक्ति 2,567 रुपये खर्च किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2022 9:45 PM

बिहारी देश में सबसे ज्यादा स्वस्थ हैं. ऐसा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रायल के द्वारा लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में दिये गए आंकड़ों से साबित हो रहा है. केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि बिहार ने पिछले एक वर्ष में देश में सबसे कम रुपये दवा पर खर्च किया है. राज्य में पिछले एक वर्ष में प्रति व्यक्ति लगभग 298 रुपये की खरीदारी हुई है. जबकि केरल के लोगों ने देश में सबसे ज्यादा रुपये दवा पर खर्च किया. केरल में दवा पर वार्षिक प्रति व्यक्ति व्यय 2,567 रुपये है. हालांकि जानकार बता रहे हैं कि पिछले करीब दो वर्ष से केरल कोरोना के भीषण संक्रमण की मार झेल रहा है. ऐसे में दवा की खपत बढ़ना स्वभाविक है.

स्वास्थ्य मंत्रायल ने बताया, बिहार के लोग देश में सबसे स्वस्थ, दवा पर खर्चे सबसे कम रुपये, केरल सबसे आगे 2
देश में 88.43 प्रतिशत दवा डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन पर बिक्री

मंत्रायल के द्वारा बताया गया है कि कुल बिके दवाओं में 88.43 प्रतिशत दवा की बिक्री डॉक्टरों के लिखे प्रिस्क्रिप्शन पर हुई है. जबकि 11.57 प्रतिशत दवाओं की बिक्री सीधे दवा दुकानदारों के द्वारा की गयी है. डॉक्टर की सलाह पर दवाओं की खरीदारी करने में हिमाचल प्रदेश सबसे आगे है. उसके बाद पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और केरल लिस्ट में शामिल है. वहीं असम, उत्तराखंड, बिहार, तमिलनाडु और कर्नाटक प्रिस्क्रिप्शन पर दवा लेने में सबसे पीछे है. हालांकि अन्य राज्य भी दवा पर खर्च करने में सामान्य हैं.

कोरोना काल में बढ़ी थी दवा की मांग

कोरोना काल में देश में दवा की मांग सबसे ज्यादा रही है. लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग हुए. ऐसे में मल्टीविटामिन से लेकर पॅरासिटामॉल की मांग भी काफी ज्यादा बढ़ी है. साथ ही, सैनिटाइजर और अन्य मेडिकल इक्विपमेंट की मांग भी काफी बढ़ी है. बिहार में वर्ष 2017-18 में परासिटामॉल का 150 से 175 करोड़ सालाना का कारोबार था. वहीं कोरोना आने के बाद इसमें काफी तेजी देखी गयी. वर्ष 2020-21 में परासीटामॉल की बिक्री बढ़कर 300 करोड़ तक पहुंत गयी. इसके अलावा एंटीबायोटिक की मांग भी काफी बढ़ी है.

Next Article

Exit mobile version