कोरोना के लक्षण नहीं होने पर पीपीइ किट पहन काम करेंगे स्वास्थ्यकर्मी, हल्के लक्षण वाले रहेंगे आइसोलेट
विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा. वहीं, हल्के लक्षण वाले स्वास्थ्य कर्मचारी घर पर आइसोलेशन में रह सकते हैं. अगर घर पर आइसोलेशन में रहने की सुविधा नहीं है, तो वे क्वारंटाइन केंद्रों में रखे जायेंगे.
स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित होने से शहर के सरकारी अस्पतालों में उनकी कमी हो रही है. इससे इलाज व्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ रहा है. इसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए नये दिशा निर्देश जारी किये हैं. जिसे जल्द ही पटना सहित पूरे बिहार में भी लागू किया जायेगा. नये नियम के अनुसार अब कोरोना संक्रमित होने पर अगर किसी स्वास्थ्य कर्मचारी को लक्षण नहीं है, तो वह तीन से चार दिन के अंदर ही पीपीइ किट पहनकर काम कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए कर्मचारियों पर किसी तरह का दबाव नहीं दिया जायेगा.
हल्के लक्षण वाले कर्मी घर पर रहेंगे आइसोलेट
इस दौरान उनको विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा. वहीं, हल्के लक्षण वाले स्वास्थ्य कर्मचारी घर पर आइसोलेशन में रह सकते हैं. अगर घर पर आइसोलेशन में रहने की सुविधा नहीं है, तो वे क्वारंटाइन केंद्रों में रखे जायेंगे. इसके अलावा गंभीर लक्षण वाले स्वास्थ्य कर्मचारी अस्पताल में भर्ती होंगे. सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के बाद जल्द ही नये नियम को मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रोंव अनुमंडलीय अस्पतालों में निर्देश जारी कर दिया जायेगा.
बिहटा इएसआइसी अस्पताल में 80 बेड रखे गये हैं सुरक्षित
बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसे लेकर सरकार पूरी तरह से अलर्ट पर है. प्रदेश के सभी मेडिकल अस्पताल को भी अलर्ट पर रखा गया है. बिहटा के सिकंदरपुर स्थित इएसआइसी अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज में कोविड से निबटने को तैयार हो गया है. यहां कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 80 बेड सुरक्षित रखा गया है.
शुरुआती में 60 बेड ऑक्सीजन व 20 आइसीयू पर कार्य करेंगे जबकि मरीजों की संख्या बढ़ने पर बेड सहित आइसीयू की संख्या बढ़ायी जायेगी. डीन डॉ सौम्या चक्रवर्ती ने बताया कि अस्पताल कमेटी की ओर से 80 बेड़ों पर काम के लिए पूरी तरह से तैयार है. ऑक्सीजन के लिए प्लांट भी पूरी तरह से तैयार है. 220 नर्सिंग स्टाफ व 130 डॉक्टर कार्य करेंगे.