बिहार: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, अब 5 मार्च को होगी सुनवाई
Bihar News: पूर्व सांसद आनंद मोहन मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गयी है .रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर 5 मार्च को अब सुनवाई होगी.
पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली थी जो टल गयी है. अब 5 मार्च को यह सुनवाई होगी. गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की पत्नी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी है जिसपर लगातार सुनवाई जारी है. पिछली सुनवाई 6 फरवरी को की गयी थी जिसमें आनंद मोहन को अपना पासपोर्ट जमा करने और हर 15 दिन में थाने में हाजिरी लगाने का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार सरकार से इस मामले में जवाब भी मांगा था. अब मंगलवार को इस मामले में अदालत विस्तृत सुनवाई होने वाली थी लेकिन किसी कारणवश सुनवाई टल गयी.
आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुनवाई
गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद मोहन दोषी करार दिए गए थे और सजा के तौर पर जेल में बंद थे. वहीं बिहार सरकार ने कानून में बदलाव किया तो आनंद मोहन को भी इसका लाभ मिला था और वो जेल से बाहर निकले हैं. आनंद मोहन राजनीति में भी पूरी तरह सक्रिय हैं. वहीं पूर्व डीएम की पीड़िता पत्नी ने इस रिहाई का विरोध किया है और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जहां आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट का आदेश..
पिछले 6 फरवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहन को हर 15 दिनों पर थाने में हाजिरी लगाने का आदेश दिया था. वहीं थाने में अपना पासपोर्ट भी जमा कराने को कहा गया था. वहीं केंद्र सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया गया था. अदालत ने पिछली सुनवाई में तय किया था कि 27 फरवरी को इस मामले की विस्तृत सुनवाई होगी. लेकिन किसी कारणवश सुनवाई टाल दी गयी. अब 5 मार्च को अगली सुनवाई होगी.
पूर्व डीएम की पत्नी ने दायर की है याचिका
बता दें कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन की रिहाई का विरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने आनंद मोहन की रिहाई के आदेश को रद्द करने की अपील की है. इस याचिका में कहा गया है कि वर्ष 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या कर दी गयी थी. मामले में आनंद मोहन को दोषी करार दिया गया था और फांसी की सजा सुनाई गयी थी. बाद में पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था.
जेल नियम बदला तो बाहर आए आनंद मोहन
अप्रैल 2023 में बिहार सरकार ने जेल नियमों में बदलाव किया और आनंद मोहन को रिहा करने का फैसला लिया गया. सरकार ने इस रिहाई के पीछे का आधार आनंद मोहन के 14 साल सजा काटने को माना था.अब सरकार के इस फैसले का विरोध कृष्णैया परिवार कर रहा है.