बिहार में 12 एमएलसी के मनोनयन पर हाइकोर्ट में सुनवाई खत्म, फैसला सुरक्षित
राज्यपाल कोटे से 12 एमएलसी के मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी हो गयी. मंगलवार को हाइकोर्ट ने इस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
पटना. राज्यपाल कोटे से 12 एमएलसी के मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी हो गयी. मंगलवार को हाइकोर्ट ने इस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार के खंडपीठ में वरीय अधिवक्ता बसंत कुमार चौधरी द्वारा दायर यह याचिका मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी.
इसके पहले कोर्ट ने इन 12 एमएलसी के मनोनयन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर कहा था कि इसकी समीक्षा करने में हाइकोर्ट सक्षम है. कोर्ट ने जानना चाहा था कि मनोनीत राजनीतिज्ञों को समाजसेवी माना जाये या नहीं, क्योंकि राजनीतिज्ञ और समाजसेवी दोनों अलग-अलग व्यक्ति हैं.
खंडपीठ ने महाधिवक्ता से पूछा था कि अगली सुनवाई पर कोर्ट को वह यह बताएं कि यह याचिका कैसे सुनवाई योग्य नहीं है. कोर्ट ने यह भी पूछा था कि क्या मनोनीत एमएलसी में से कोई राज्य में मंत्री के पद पर भी हैं.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने राज्यपाल कोटे से एमएलसी के पद पर मनोनयन के लिए अशोक चौधरी, जनक राम, उपेंद्र कुशवाहा, डॉ राम वचन राय, संजय कुमार सिंह, ललन कुमार सर्राफ, डाॅ राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, देवेश कुमार, प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर और निवेदिता सिंह के नामों की अनुशंसा की थी, जिसके बाद राज्यपाल ने मनोनीत किया था.
Posted by Ashish Jha