बिहार में बिजली दर 10 प्रतिशत बढ़ाने की याचिका पर फिर सुनवाई, पांच तक आम लोग दे सकेंगे सुझाव व आपत्तियां
बिहार में बिजली दर 10 प्रतिशत बढ़ाने की याचिका पर फिर सुनवाई होगी. आयोग के कोर्ट रूम में अगली सुनवाई 12 जुलाई, 2022 की सुबह 11.30 बजे की जायेगी. सब कुछ सामान्य रहा तो इस दिन याचिका पर निर्णय भी हो सकता है.
पटना. बिजली कंपनियों द्वारा लगभग 10% बिजली दर बढ़ाने की मांग को लेकर बिहार विद्युत विनियामक आयोग में दायर पुन: समीक्षा याचिका को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने स्वीकार कर लिया है. ऐसे में इच्छुक व्यक्ति या संगठन पांच जुलाई की शाम पांच बजे तक विद्युत भवन स्थित बिहार विद्युत नियामक आयोग के सचिव के सामने अपनी टिप्पणी, सुझाव, आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं. इस मामले में आयोग के कोर्ट रूम में अगली सुनवाई 12 जुलाई, 2022 की सुबह 11.30 बजे की जायेगी. सब कुछ सामान्य रहा तो इस दिन याचिका पर निर्णय भी हो सकता है.
पांच तक आम लोग दे सकेंगे सुझाव व आपत्तियां
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा व सदस्य एससी चौरसिया ने दोनों बिजली आपूर्ति कंपनियों साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को निर्देश दिया है कि वे याचिका को व्यापक रूप से विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित करें. साथ ही कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसे अपलोड करते हुए आम जनता और हितधारकों से टिप्पणियां, सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करें.
तथ्य छूटने की बात कह बिजली कंपनी ने दायर की समीक्षा याचिका
मार्च में बिजली दर की याचिका पर फैसला आने के बाद बिजली कंपनियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी. कंपनी का कहना था कि बिजली दर पर निर्णय सुनाते समय विनियामक आयोग से कई तथ्य छूट गये हैं. उन छूटे हुए तथ्यों के आधार पर ही बिजली दरों में वृद्धि की जाये. अधिकारियों के अनुसार विनियामक आयोग ने अपने निर्णय में राज्य सरकार की ओर से मिले 1200 करोड़ के अनुदान की गणना नहीं की है, जिससे कंपनी की आमदनी अधिक हो गयी है.
बढ़ेगा बोझ
अगर इसे शामिल कर लिया जाये, तो कंपनी घाटे में रहेगी. इसी तरह बिजली संकट होने पर कंपनी बाजार लागत से काफी अधिक मूल्य पर खरीद कर लोगों को बिजली आपूर्ति की है. आयोग ने इसकी भी अनदेखी की है. आयोग ने कंपनी को 15% के नुकसान को आधार बना कर बिजली दर सुनाया है, जबकि केंद्र की आरडीएसएस योजना में बिहार को 19.50% तक का नुकसान रखना है.
आगामी वित्तीय वर्ष में राशि समायोजित कर सकती है आयोग
सूत्रों के मुताबिक विनियामक आयोग चाहे तो समीक्षा याचिका की सुनवाई के बाद आगामी वित्तीय वर्ष में उस राशि को समायोजित भी कर सकती है. इससे पहले के वर्षों में एक बार विनियामक आयोग ने एप्टेल के निर्देश पर बिजली कंपनी की याचिका पर सुनवाई की थी. लेकिन उस वर्ष बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं करते हुए कंपनी को अतिरिक्त राशि खर्च करने की मंजूरी दी थी.
एचटी ग्राहकों को लोड के 70% से अधिक बिजली खर्च पर ही छूट
पटना. बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए निर्धारित विद्युत दर में औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए लोड फैक्टर रेंज के तहत मिलने वाली छूट में दूसरी बार संशोधन किया है. इसके तहत औद्योगिक हाइटेंशन (एचटी) कनेक्शन रखने वाले उपभोक्ता तय लोड का जितना अधिक बिजली खर्च करेंगे, उनको बिल भुगतान में प्रति यूनिट उतनी अधिक छूट मिलेगी. अब ऐसे ग्राहकों को बिलिंग माह में लोड का 30 से 50% तक बिजली खर्च करने पर 10 पैसे प्रति यूनिट, लोड का 50 से 70% बिजली खर्च करने पर 20 पैसे और 70% से ऊपर बिजली खर्च करने पर 30 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी.
एरियर पर नहीं लगेगा विलंब भुगतान अधिभार
सामान्य हाइटेंशन (एचटी) कनेक्शन रखने वाले उपभोक्ताओं को लोड का 60% या उससे अधिक बिजली खर्च करने पर प्रति यूनिट 30 पैसे की छूट पहले की तरह मिलती रहेगी. साथ ही औद्योगिक एचटी कनेक्शन रखने वाले ऑक्सीजन निर्माताओं को भी लोड का 65 से 75% खर्च करने पर 15 पैसे और 75% से अधिक खर्च करने पर 25 पैसे प्रति यूनिट तक छूट देने का निर्णय पहले की तरह रखा गया है. एचटी उपभोक्ता बिल में निर्धारित तिथि के बाद 10 दिनों की छूट अवधि के भीतर बिजली बिल का पूरा भुगतान नहीं करते हैं, तो बिल की बकाया मूल राशि पर हर माह डेढ़ प्रतिशत या उसके हिस्से का डीपीएस (विलंबित भुगतान अधिभार ) देना होगा. डीपीएस एरियर पर कोई डीपीएस चार्ज नहीं लगेगा. इसके लिए बिल में महीने के लिए ऊर्जा शुल्क, ऊर्जा शुल्क की बकाया राशि और डीपीएस को अलग से दर्शाया जायेगा.
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