नये वित्तीय वर्ष 2023-24 में 40 फीसदी से अधिक बिजली दर बढ़ाने की बिजली आपूर्ति कंपनियों की याचिका को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने स्वीकार कर लिया है. आयोग ने इसके साथ ही साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार के छह शहरों में जन सुनवाई का कार्यक्रम भी निर्धारित कर दिया है ताकि प्रस्तावित बिजली दर पर आम लोगों व हित धारकों की राय, सुझाव या आपत्तियां ली जा सके. जन सुनवाई की शुरुआत 20 जनवरी को वाल्मिकीनगर से होगी. इसके बाद 24 को कैमूर, 27 को भागलपुर, एक फरवरी को अरवल, 10 फरवरी को पूर्णिया और 17 फरवरी को पटना के विद्युत भवन स्थित विनियामक आयोग के कोर्ट रूम में जन सुनवाई होगा.
जन सुनवाई के बाद एक अप्रैल 2023 से पहले आयोग नये टैरिफ दर पर निर्णय लेकर इसकी घोषणा करेगा. विनियामक आयोग ने स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी), बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीटीसीएल) और बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड (बीजीसीएल) की टैरिफ याचिकाओं को भी स्वीकार करते हुए 14 फरवरी को कोर्ट रूम में उसकी सुनवाई का निर्णय लिया है.
याचिका की सुनवाई करते हुए आयोग ने हित धारकों व आम लोगों से अपील की है कि वे प्रस्तावित टैरिफ पर 18 जनवरी 2023 तक लिखित रूप से अपने सुझाव या शिकायत को आयोग के सचिव को इ-मेल या हार्ड कॉपी के माध्यम से उपलब्ध करा सकते हैं. इससे पहले बिजली कंपनियों को अपनी याचिका (प्रस्तावित टैरिफ दर) से संबंधित विस्तृत सूचना अखबारों के माध्यम से पूरे बिहार में प्रसारित करानी होगी. इसे बिजली कंपनियों के वेबसाइट पर भी डालना अनिवार्य होगा.
आयोग ने निर्देश दिया है कि याचिका की हार्ड कॉपी बिजली कंपनियां अपने कार्यालय में भी उपलब्ध रखे, ताकि कोई भी व्यक्ति उसे देख सके. इसके लिए कोई शुल्क नहीं होगा. लेकिन, याचिका की छायाप्रति लेने के लिए उनको 500 रुपये का शुल्क अदा करना होगा. लोगों की मांग पर कंपनी को अतिरिक्त सूचनाएं भी उपलब्ध करानी होगी.
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वाल्मिकीनगर में 20 जनवरी को जल संसाधन विभाग का मीटिंग हॉल
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कैमूर में 24 जनवरी को कलेक्ट्रियट मीटिंग हॉल
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भागलपुर में 27 जनवरी को कलेक्ट्रियट मीटिंग हॉल
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अरवल में 01 फरवरी को कलेक्ट्रियट मीटिंग हॉल
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पूर्णिया में 10 फरवरी को कलेक्ट्रियट मीटिंग हॉल
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पटना में 17 फरवरी को विद्युत भवन स्थित विनियामक आयोग का कोर्ट रूम
बिजली कंपनी ने बिजली आपूर्ति के खर्च में हुई वृद्धि को आधार बनाते हुए सभी श्रेणी को मिलाकर समग्रता में 40 फीसदी तक बिजली दर वृद्धि और फिक्सड चार्ज बढ़ा कर दोगुना करने का प्रस्ताव दिया है. कंपनी का तर्क है कि पिछले चार वर्षों में से दो साल आयोग ने शून्य तो दो वर्ष मामूली बिजली दर वृद्धि की है, जबकि कंपनी का वास्तविक खर्च बहुत अधिक बढ़ गया है.
बिजली कंपनी ने ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू व गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अब तीन की जगह मात्र दो टैरिफ स्लैब का प्रस्ताव रखा है. इसमें पहला स्लैब 0-50 यूनिट और दूसरा स्लैब 51 से ऊपर यूनिट का रखा गया है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के वैसे उपभोक्ता जो नियमित रूप से भुगतान करते हैं, उनको प्रोत्साहित करने के लिए एक फीसदी अतिरिक्त छूट देने का प्रस्ताव है. तीन माह लगातार भुगतान करने पर उनको इस छूट का लाभ मिलेगा.
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इसके साथ ही हाइवोल्टेज (एचटी) श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए मिलने वाली पांच फीसदी छूट को बढ़ा कर 15 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है. इसी तरह, एचटी श्रेणी में सैंक्शन लोड के मुकाबले न्यूनतम डिमांड की सीमा बढ़ायी जा रही है. वर्तमान में बिलिंग सीमा 75 प्रतिशत है, जिसे बढ़ा कर 85 प्रतिशत किया जा रहा है. बिजली कंपनी ने लोड से अधिक इस्तेमाल करने पर लगने वाली पेनाल्टी में तीन महीने की छूट देने का भी प्रस्ताव दिया है.