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बिहार में गर्मी का असर: बक्सर के श्मशान घाट पर रोज आ रहे 100 से अधिक शव, अंतिम संस्कार के लिए घंटों का इंतजार

बक्सर के चरित्रवन स्थित श्मशान घाट पर शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए पहुुंचने वाले लोगों की तादात आम दिनों की अपेक्षा गत पांच दिनों से अचानक तीगुना बढ़ गया है. लिहाजा शवों का दाह संस्कार करने के लिए लोगों को कम से कम तीन से चार घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है.

पिछले करीब 10 से 15 दिनों से बक्सर के चरित्रवन श्मशान घाट पर हर रोज करीब 100 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है. मई से पहले इस घाट पर हर रोज औसतन 25 से 30 शवों का अंतिम संस्कार होता था. जैसे जैसे गर्मी ने रौद्ग रूप दिखाना शुरू किया, वैसे वैसे श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए आने वालों शवों की संख्या बढ़ती गयी. अब स्थिति यह है कि अंतिम संस्कार के लिए तीन से चार घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है.

रात-दिन शव जलाये जा रहे

यहां जगह के अभाव में परिजन शवों को घाट किनारे रखकर अपनी बारी का इंतजार करने को भी विवश हैं. मुक्तिधाम पर दाह संस्कार कराने वाले लोगों का कहना है कि प्रतिदिन औसतन सौ की संख्या में शव पहुंच रहे हैं. इनकी माने तो मई माह से पहले जहां प्रतिदिन 25 से 30 शव दाह संस्कार के लिए यहां आते थे. वही अब रात-दिन शव जलाये जा रहे हैं. आसपास के लोगों का भी कहना है कि पहले से तीगुना की संख्या में शव जलाये जा रहे हैं.

15 जून को जलाए गए 115 शव 

शव जलाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए भी लाइन लग रही है. रजिस्ट्रेशन काउंटर के कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 15 जून को सबसे अधिक 115 शव जलाये गये. तब से लेकर अब तक प्रतिदिन औसतन 100 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. दाह संस्कार करने पहुंचे अधिकांश लोगों का कहना है कि प्रचंड गर्मी के कारण वृद्धजनों की मौत हो रही है.

प्रतिदन छह से सात हजार के करीब शवों के साथ पहुंच रहे लोग

मुक्तिधाम पर शवों का अंतिम संस्कार करने पहुंचने वालों उनके सगे-संबंधियों की संख्या भी प्रतिदिन छह से सात हजार इन दिनों पहुंच गयी है. मिली जानकारी के मुताबिक 15 मई के बाद मरने वालों की संख्या में एकाएक इजाफा हो गया. मई माह में प्रतिदिन जहां 50 शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे थे, उसकी संख्या 14 जून के बाद औसतन 100 के करीब पहुंच गया है. शवों का अंतिम संस्कार करने वालों की अचानक काफी वृद्धि दर्ज हो गयी. जबकि आम दिनों में श्मशान घाट पर 25 से 30 शव का दाह संस्कार 24 घंटे में किया जाता था. 14 मई के बाद संख्या 50 के करीब पहुंच गया. उसके बाद 14 जून से यह संख्या 85 से 100 के बीच पहुंच गया है. 15 जून को अब तब सबसे अधिक 115 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. 16 जून को तकरीबन 90, 17 जून को तकरीबन 98 और 18 जून को तकरीबन 95 शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

पंजीयन रजिस्टर प्रशासन ने मंगवाया

हाल के दिनों में मुक्तिधाम पर शवों का अंतिम संस्कार करने पहुंचने वालों की पंजीयन रजिस्टर जिला प्रशासन ने मंगवा लिया है. यह जानकारी यहां काउंटर पर रजिस्ट्रेशन करने वाले कर्मचारियों ने कही. एक सप्ताह का आंकड़ा पूछे जाने के सवाल पर कर्मचारी ने कहा कि रविवार तक किये गये रजिस्ट्रेशन का रजिस्टर जिला प्रशासन ने मांग ली है. सोमवार को नया रजिस्टर दिया गया है. जिस पर प्रत्येक दिन यहां पहुंचने वाले शवों का पंजीयन किया जा रहा है.

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दाह संस्कार करने वाली लकड़ी हुई महंगी

प्रचंड गर्मी और लू लगने से मरने वालों की संख्या में अचानक वृद्धि होने के कारण श्मशान घाट पर इस्तेमाल होने वाली लकड़ी की कीमत में भी बढ़ोत्तरी हो गयी है. पहले से अधिक शव का चिता जलने से लकड़ियां कम पड़ने लगी है. जिसको देखते हुए दुकानदार लकड़ियों का दाम बढ़ा दिये हैं. चार सौ रुपए मन बिकने वाली आम की लकड़ी छ से सात सौ रुपए मन बिक रही है.लकड़ी विक्रेता अर्जुन कुमार गोंड ने बताया कि श्मशान घाट पर लकड़ी की कमी होने के कारण लकड़ी के दामों में बढ़ोंत्तरी किया गया है.

श्मशान घाट पर नहीं है बुनियादी सुविधाएं

श्मशान घाट पर शवों को मुखाग्नि देने वाले डोम राजा का कहना कि प्रचंड गर्मी और लू के कारण शवों को जलाने में भी परेशानी हो रही है. मरने वालों में सबसे अधिक वृद्ध व्यक्ति का शव श्मशान घाट पर पहुंच रहा है. स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि एक तो प्रचंड गर्मी और दूसरा जल रहे चिता के कारण श्मशान घाट हिट वेव का खतरा बढ़ गया है.आलम यह है कि श्मशान घाट पहुंचे लोग चिता जलाकर गर्मी से बचने को लेकर दूर चले जाते हैं. यहां पहुंचे लोगों को ठहरने के लिये कोई व्यवस्था नहीं है. वही गर्मी से बचने के लिये लोग पेड़ की छांव और दुकान को ही आश्रम स्थल बना रहे हैं.

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क्या कहते हैं अधिकारी

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने बताया कि आम दिनों के अपेक्षा चार दिनों से श्मशान घाट पर शव की संख्या में वृद्धि देखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि मई माह में श्मशान घाट 50 के लगभग चिता जलाए जा रहे थे. इस समय यह संख्या 80 और 90 के बीच पहुंच गयी है. जिसे देखते हुए श्मशान घाट पर सुविधा बढ़ा दिया गया है.

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