बिहार के 14 जिलों में हुई भारी बारिश, तीन जिलों में अभी भी सूखा, वज्रपात से चार लोगों की हुई मौत

Bihar News: बारिश के पानी से मुरझा गये बिचड़े व धान की फसल लहलहाने लगे है. इसको देखकर किसानों के चेहरे पर चिन्ता की लकीरे गायब हो गयी है. किसानों का लुप्त हो चुका उत्साह फिर से वापस आ गये है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2022 9:46 PM

बिहार में 18 दिन बाद बारिश हुई है. सावन माह की हुई पहली बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया है. बारिश के बाद ठंडी हवा चलने से भीषण गर्मी से राहत मिली है. 24 घंटे के दौरान पटना समेत 14 जिलों में भारी बारिश हुई है. लेकिन राज्य के 3 जिलों में बारिश नहीं हुई है. सुपौल और पटना के साथ बक्सर में बारिश बहुत कम हुई है. मौसम विभाग के अनुसार, मानसून की बारिश में अभी भी 47 प्रतिशत की कमी है. बुधवार दोपहर के बाद मौसम में तेजी से बदलाव आया.

बिजली चमकने के साथ तेज बारिश

आसमान बादल से पूरी तरह ढक गया. बिजली चमकने के साथ तेज बारिश हुई. मौसम विभाग से जारी बुलेटिन के अनुसार दो दिनों तक रुक -रुक कर तेज व मध्यम बारिश होती रहेगी. इस दौरान तापमान भी 30- 32 डिग्री के करीब रहेगा. इधर, मोतिहारी में बारिश होने से किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है. भीषण गर्मी के कारण जल रहे बिचड़े व धान की फसल को काफी राहत मिली है.

धान की रोपनी शुरू

प्रखंड क्षेत्र में बुधवार की रात हुई मुसलाधार बारिश से खेतों में पानी भर गया है. किसान अपने खेतों में धान की रोपनी शुरु कर दी. करीब एक माह से बारिश नहीं होने से हताश व निराश किसान प्रफुल्लित हो गये है. वही पानी के दरार फट गयी भूमि भी तृप्त हो गयी. बारिश के पानी से मुरझा गये बिचड़े व धान की फसल लहलहाने लगे है. इसको देखकर किसानों के चेहरे पर चिन्ता की लकीरे गायब हो गयी है. किसानों का लुप्त हो चुका उत्साह फिर से वापस आ गये है. लोग नई ऊर्जा के साथ खेती में जुट गये है और धान की रोपनी शुरू कर दिये है.

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वज्रपात से चार लोगों की हुई मौत

राज्य में गुरुवार को वज्रपात से चार लोगों की मौत हो गयी. मरने वालों में लखीसराय के पिपरिया प्रखंड, पूर्णिया के बैसा प्रखंड, सारण के मांझी प्रखंड, गोपालगंज के उचकागांव प्रखंड में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं. उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने गुरुवार को वज्रपात से चार लोगों की हुई मौत पर दुख व्यक्त किया.उन्होंने मृतकों के निकटतम आश्रितों को अनुग्रह अनुदान के रूप में चार – चार लाख रुपये का भुगतान शीघ्र करने का निदेश अधिकारियों को दिया है.

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