बिहार में 30 मार्च से एक अप्रैल के बीच बारिश के साथ ठनका और ओला वृष्टि के आसार हैं. मौसम विज्ञान केंद्र ने इसको लेकर हाइ अलर्ट जारी कर दिया है. विशेष रूप से किसानों को सतर्क करते हुए उसने एहतियाती उपाय करने के सुझाव भी दिये हैं.
मौसम विज्ञान केंद्र पटना वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आशीष कुुमार की तरफ से जारी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 30 मार्च की शाम से मेघ गर्जन और बारिश शुरू हो जायेगी. प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में 10 से 50 मिलीमीटर के बीच बारिश की आशंका है. सबसे खतरनाक स्थिति किसानों के लिए बनने वाली है. उन्हें बारिश के साथ ठनका और ओला वृष्टि भी झेलनेे पड़ सकती है.
मौसम विज्ञानी आशीष कुमार ने किसानों से आग्रह किया है कि खेतों में खड़ी पकी फसल तत्काल काट लें. उसे सुरक्षित रखने की जगह भी तय कर लें. खराब मौसम के दौरान पशुधन और खुद बाहर निकलने से बचें. ठनका की आशंका के दौरान किसानों को पक्की जगहों पर ही शरण लेना चाहिए.
किसानों को ध्यान रखना होगा कि मेघ गर्जन की समयावधि आधा से एक घंटे के बीच होती है. आइएमडी के मुताबिक चूंकि बारिश के दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चलनी है, इससे बरसात के दौरान फसल के गिरने की आशंका बन सकती है.
फिलहाल मार्च के अंतिम दस दिनों में यह दूसरी बार होगा, जब प्रदेश के किसानों को आंधी-पानी के साथ ओला वृष्टि का सामना करना है. 20 से 22 मार्च के बीच भी बिहार में बारिश के साथ कुछ जगहों पर ओला वृष्टि दर्ज हुई थी.
Also Read: बिहार के मनरेगा मजदूरों को केंद्र का तोहफा, मजदूरी दर में हुआ इजाफा, जानिए अब कितनी मिलेगी दिहाड़ीदरअसल हवा में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. इसकी वजह से ट्रफ लाइन पूर्वी बिहार से झारखंड होते हुए दक्षिणी छत्तीसगढ़ तक जा रही है. आइएमडी के मुताबिक दो अप्रैल से मौसम के साफ होने के आसार हैं.