गया में दलाईलामा को नुकसान पहुंचाने वालों को लेकर हाई अलर्ट, सुरक्षा एजेंसियों ने कड़ी की सुरक्षा
गया एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि बौद्ध धर्मगुरु की सुरक्षा को लेकर पहले से ही हाई अलर्ट है व टीचिंग कार्यक्रम स्थल में प्रवेश करने वालों की मुकम्मल जांच के बाद ही इंट्री दी जायेगी. उन्होंने बताया कि सुरक्षा के विभिन्न बिंदुओं पर काम जारी है व संबंधित पदाधिकारी अपने काम में जुटे हैं.
बोधगया में टीचिंग देने पहुंचे बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा को नुकसान पहुंचाने वाले इनके विरोधियों की बोधगया में मौजूदगी की सूचना पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्क करते हुए आगाह किया है कि बौद्ध धर्मगुरु को नुकसान पहुंचाया जा सकता है. बजाप्ता उनके नाम भी शेयर किये गये हैं. इनमें शामिल लोग बौद्ध लामा व भिक्षु के रूप में भी हो सकते हैं.
ज्यादा अलर्ट रहने की दी गयी हिदायत
इस बात की सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस सतर्कता बरतते हुए छानबीन भी शुरू कर चुकी है व गुरुवार से कालचक्र मैदान में आयोजित होने वाली टीचिंग कार्यक्रम में ज्यादा अलर्ट रहने की हिदायत दी गयी है. इस संबंध में गया एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि बौद्ध धर्मगुरु की सुरक्षा को लेकर पहले से ही हाई अलर्ट है व टीचिंग कार्यक्रम स्थल में प्रवेश करने वालों की मुकम्मल जांच के बाद ही इंट्री दी जायेगी. उन्होंने बताया कि सुरक्षा के विभिन्न बिंदुओं पर काम जारी है व संबंधित पदाधिकारी अपने काम में जुटे हैं.
दो दिवसीय सेमिनार का हुआ समापन
बोधगया में पालि व संस्कृत परंपरा से जुड़े बौद्ध भिक्षुओं व लामाओं को एक मंच व विचारधारा में लाने की पहल के तहत शुरू किये गये पांच वर्षीय कार्यक्रम पालि एंड संस्कृत इंटरनेशनल भिक्खु एक्सचेंज प्रोग्राम 2022-2027 को लेकर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार का बुधवार को समापन हुआ. मंगलवार को बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने इस इस कार्यक्रम सह सेमिनार को शुभारंभ किया था. सेमिनार में श्रीलंका, थाइलैंड, तिब्बत व भारत के बौद्ध भिक्षुओं व लामाओं ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया व बुद्ध के उपदेशों व एक ही धर्म में व्याप्त अलग-अलग रीति-रिवाज व भ्रांतियों को दूर कर एकजुटता के साथ विश्व शांति व कल्याण की दिशा में काम करने की अपील की.
1500 भिक्षुओं को कराया गया संघदान
सेमिनार के समापन पर वट्पा बौद्ध मठ के संस्थापक सह मुख्य भिक्षु फ्रा बोधिनंदा मुनि के नेतृत्व में थाइलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री यांगलिक सिनावात्रा के भाई प्याप सिनावात्रा व उनके परिवार के सदस्यों के सौजन्य से 1500 भिक्षुओं व लामाओं को संघदान कराया गया व सभी को उपहार स्वरूप कंबल के साथ नकद रुपये भेंट किये गये. इसमें थाइलैंड के अन्य श्रद्धालुओं ने भी स्पांसर किया.