पटना. पटना हाइकोर्ट में पीएमसीएच में ऑक्सीजन खपत में हुई गड़बड़ी के मामले में अस्पताल प्रशासन द्वारा जवाब दायर किया गया. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ में कोरोना से संबंधित कई लोकहित याचिकाओं की सुनवाई के समय यह जवाब दिया गया.
कोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया गया कि पीएमसीएच की व्यवस्था को सुधारने के लिए कार्रवाई की जा रही है. अस्पताल में ऑक्सीजन, वार्ड, किचेन समेत पूरी व्यवस्था में सुधार किया गया है. इसके लिए अब पीएमसीएच के तीन वरीय डॉक्टरों की टीम गठित की गयी है.
यह टीम पीएमसीएच की सभी व्यवस्थाओं की निगरानी करेगी. हाइकोर्ट के निर्देश पर कोर्ट मित्र की टीम ने जब पीएमसीएच का निरीक्षण किया, तो ऑक्सीजन खपत में गड़बड़ी की बात सामने आयी थी. कोर्ट ने अस्पताल प्रशासन को कहा कि वह हर पंद्रह दिन के बाद इस अस्पताल के सुधार की रिपोर्ट कोर्ट में जमा करे.
पटना हाइकोर्ट ने पटना नगर निगम द्वारा पीपीइ किट और कोविड इलाज के दौरान इकट्ठा होने वाले कूड़े को नष्ट करने के बारे में निगम द्वारा दिये गये जवाब से असंतोष जाहिर किया तथा निगम प्रशासन को कहा कि अगली सुनवाई के पहले वह विस्तृत शपथ पत्र नये सिरे से कोर्ट को दे. हाइकोर्ट ने बक्सर की गंगा नदी में ज्यादा संख्या में मिले शवों और उसके दाह संस्कार के मामले पर सुनवाई के लिये 25 मई की तिथि को निर्धारित किया है.
कोरोना से हुई मौत और श्मशान में अंतिम संस्कार के आंकड़ों के सिलसिले में राज्य सरकार के दो विरोधाभासी रिपोर्ट पर हाइकोर्ट ने सरकार से जो स्पष्टीकरण मांगा था, उस पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है.
चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ में शिवानी कौशिक व अन्य जनहित मामलों को सुनवाई हेतु हाइकोर्ट के कॉज़ लिस्ट में प्रकाशित किया गया है. साथ में पटना एम्स के डॉ भदानी की अगुआई वाली एक्पर्ट कमेटी की रिपोर्ट पर भी सुनवाई होने की संभावना है.
Posted by Ashish Jha